कैथल: जहां सरकार एक तरफ योजनाएं लाकर लोगों को सुख सुविधाएं पहुंचाने का सपना देखकर चलती है. वहीं दूसरी ओर सरकारी कुर्सियों पर बैठे नुमाइंदे सरकार की योजनाओं पर पानी फेरकर सरकार की मिट्टी पलीत करने में लगे हुए हैं. दरअसल कैथल के सीवन गांव में ग्रामीणों ने सरकारी अधिकारियों पर करोड़ों रूपये गबन करने का आरोप (scam in Siwan) लगाया है. जिसके चलते ग्रामीणों ने एक शिकायत सरकार के मंत्रियों सहित उच्च अधिकारियों को की थी. जिसकी जांच कैथल के अतिरिक्त उपायुक्त संवर्तक सिंह द्वारा की जा रही है.
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 सालों में गांव की गलियों में नालों के निर्माण के लिए सरकार से लगभग 54 करोड़ (54 crores scam Siwan) की ग्रांट आई थी. जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव की कोई भी गली ठीक से नहीं बनाई गई और कई गलियां तो ऐसी है जो बहुत बार रिकॉर्ड में चढ़ाई गई है. यही नहीं ग्रामीणों का यहां तक भी आरोप है कि अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत करके एक कार्य को अपने रिकॉर्ड में तीन-तीन बार चढ़ा कर उसकी सारी राशि हड़प कर ली है. जबकि वास्तविकता में वो गली या नाला अभी ठीक तरह से बनकर तैयार भी नहीं हुआ.
कैथल: विकास के नाम पर करोड़ों का गबन, सीवन के ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लगाए आरोप ये भी पढ़ें-हिसार में किसानों ने लघु सचिवालय का गेट बंद कर किया प्रदर्शन, मुआवजा राशि नहीं मिलने पर जताया विरोध
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह-जगह नाली व्यवस्था खस्ता हालत में है. जिससे सभी ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि वह पिछले 4 सालों से इस विषय को लेकर अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं. परंतु अभी तक भी इसकी जांच भी पूरी नहीं हो पाई है. ग्रामीणों ने तीन विभागों ग्राम पंचायत, जिला परिषद व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर सरकारी राशि को गबन करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इन तीनों विभागों ने एक ही कार्य को अपने-अपने रिकॉर्ड में चढ़ाकर सरकार की करोड़ों रुपए की राशि का गबन किया है. ग्रामीणों ने सरकार से जल्दी से जल्दी इस शिकायत की जांच निष्पक्ष तौर पर करवाकर दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
वहीं कैथल के अतिरिक्त उपायुक्त संवर्तक सिंह ने बताया कि अभी हाल ही में उनके पास यह शिकायत आई है. जिस संबंध में उन्होंने एक कमेटी का गठन किया था. जो गांव में जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी और मेरे कार्यालय को भेजेगी. उसके बाद ही इस शिकायत में देखा जाएगा किस का दोष बनता है या नहीं. वहीं अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि अगर किसी अधिकारी का इसमें दोष पाया जाता है तो उस अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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