कैथल: जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के बाहर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यापकों ने अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद धरना प्रदर्शन किया. हरियाणा में 1057 स्कूलों को बंद होने से बचाने के लिए अध्यापकों ने ये प्रदर्शन किया है.
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पत्रकारों से बात करते हुए अध्यापक संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार निजीकरण की ओर बढ़ रही है और हरियाणा के 1057 स्कूलों को बंद करने जा रही है. इसका जिम्मेदार स्कूल के अध्यापकों को बताया जा रहा है. जो सरासर गलत है. सरकार को इस पर मंथन करना चाहिए. जो कमी है उसको दूर करना चाहिए.
चंडीगढ़ में सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए लाइनें लगती हैं. दिल्ली में वर्ल्ड क्लास सरकारी स्कूल हैं. सरकार को इसका संज्ञान लेना होगा. स्कूल बंद कर देना कोई उचित हल नहीं है. सरकार निजी स्कूलों को बढ़ावा देना चाहती है, इसलिए सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है.
इन मांगों को लेकर अध्यापकों ने किया प्रदर्शन
- कम छात्र संख्या अथवा किसी अन्य कारण से प्रदेश का एक भी स्कूल को बंद ना किया जाए, ऐसे विद्यालय को विशेष प्रोत्साहन देकर मजबूत किया जाए, शहरों कस्बों की नई आवादियों में आवश्यकता अनुसार नए सरकारी स्कूल खोले जाएं.
- जेबीटी कोर्स को जारी रखा जाए.
- केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी डाइट में भी जेबीटी के दाखिल किए जाएं
- प्राइमरी कक्षाओं को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का हिस्सा बनाया जाए
- प्राइमरी कक्षाओं में छात्र-अध्यापक अनुपात 10:1 किया जाए . प्राइमरी कक्षाओं में छात्र-अध्यापक अनुपात 20:1 किया जाए
- प्राइमरी कक्षाओं तक शिक्षक की व्यावसायिक योग्यता डीएलएड ही रखी जाए. जिसमें छात्रों की उम्र व जरूरतों अनुसार मनोवैज्ञानिक की दक्षता हो
- शिक्षा छात्रों एवं अध्यापकों पर किए जाने वाले खर्च को खर्च ना मानकर बेहतर भविष्य निर्माण के लिए निवेश मानते हुए बढ़ाया जाए