कैथल:अक्टूबर का महीना शुरू होते ही देशभर की शुगर मिलों में गन्ने की पिराई शुरू हो जाती है. अगर हरियाणा की बात करें तो यहां गन्ने की पिराई नवंबर महीने में शुरू होती है. गन्ने की पिराई से पहले शुगर मिल को अच्छे तरीके से रिपेयर किया जाता है, ताकि किसी भी कर्मचारी के साथ कोई हादसा ना हो और पिराई के दौरान काम प्रभावित ना हो.
शुगर मिल की एमडी का कहना है कि गन्ने की पिराई के दौरान किसानों को किसी भी तरह की समस्याएं नहीं आती. शुगर मिल की तरफ से किसानों को सारी सुविधाएं दी जाती हैं और समय पर उनकी पेमेंट की जाती है, लेकिन इस बारे में जब गन्ना किसानों से बात की गई तो वो उनसे इत्तेफाक नहीं रखते.
पेमेंट के लिए करना पड़ता है इंतजार
गन्ना किसान दयाल सिंह का कहना है कि जब किसान शुगर मिल में गन्ना डालकर जाते हैं तो उसके 14 दिन बाद पेमेंट मिल जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता. उनका कहना है कि कई बार तो किसानों को चार-चार महीनों तक पेमेंट का इंतजार करना पड़ता है. शुगर मिल भी अव्यवस्थाओं के चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान होशियार गिल ने बताया कि गन्ना डालने के दौरान किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं जब पैसों की बात आती है तो समय पर पेमेंट नहीं दी जाती. सरकार को चाहिए कि किसानों को समय पर पेमेंट दी जाए और गन्ने का प्रति क्विंटल रेट बढ़ाया जाए.