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कैथल: गुहला चीका के सिद्ध पीठ में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा शिवरात्रि का त्योहार - महाशिवरात्रि त्योहार गुहला चीका शिव मंदिर

गुहला चीका के सिद्ध पीठ में शिवरात्रि का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान कोरोना वायरस को लेकर तमाम सावधानियां भी बरती जा रही है.

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Published : Mar 11, 2021, 12:37 PM IST

कैथल:प्रशासन के आदेशानुसार माता भिवानी मंदिर व विश्वकर्मा मन्दिर स्थित महादेव मंदिर में आज सुबह शिवरात्रि का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. भिवानी मंदिर कमेटी के प्रधान राजीव ने बताया कि आज भक्तों के लिए विशेष गुणगान का कार्यक्रम रखा गया है. इससे पहले शिवलिंग पर जल अर्पण कर विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई. इसके बाद मौजूद सदस्यों के साथ मिलकर हवन यज्ञ किया.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान की गई तमाम सावधानियों को ध्यान में रखकर इन लोगों को माथा टेकने के लिए कह रहे हैं. आज रात 12:00 बजे के बाद ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए. रात से ही भगवान शिव पर श्रद्धालुओं द्वारा जलाभिषेक किया जा रहा है. इसके साथ-साथ मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन भी किया गया है. हालांकि इस दौरान मंदिर परिसर कमेटी द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर तमाम सुविधाओं का बंदोबस्त किया गया था, लेकिन आस्था के आगे वो सब घुटने टेकते हुई नजर आई.

गुहला चीका के सिद्ध पीठ में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा शिवरात्रि का त्योहार

बता दें कि, महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. ये भगवान शिव का प्रमुख पर्व है. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ. इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था.

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साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना पांचवा महीना होता है. वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, लेकिन सावन माह की इस शिवरात्रि को भी फाल्गुन माह की शिवरात्रि के सामान ही फलदायी माना जाता है. इस शिवरात्रि का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस शिवरात्रि में भगवान शिव का जलाभिषेक करना लाभकारी माना जाता है.

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