कैथल: जिले के सजुमा गांव में रविवार को दो गुटों में हुई भिड़ंत (Sajuma village dispute case) का मामला अब डीसी दरबार पहुंच गया है. ग्रामीणों ने डीसी कैथल से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है. इस दौरान ग्रामीणों ने इस मामले में की गई पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. ग्रामीणों ने कलायत थाने के एसएचओ और डीएसपी (change to Kalayat SHO and DSP) को बदलने की मांग भी की. ग्रामीणों ने पुलिस पर दूसरे पक्ष के लोगों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुलिस सूचना मिलने के 4 घंटे बाद पहुंची, जिसके कारण पथराव और मारपीट में कई ग्रामीण घायल हो गए.
डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम पूर्व नियोजित था. जिसके चलते शरारती तत्व कुछ दिन पहले गाड़ी में लाठी गंडासी लेकर आए थे. जिससे इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया जा सके. ग्रामीणों ने सबूत के तौर पर इसका वीडियो भी दिखाया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस दूसरे पक्ष की सहायता कर रही है. इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने प्रशासन को मजबूरन गांव से पलायन करने की चेतावनी दी है.
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कैथल एसपी (Kaithal SP) मकसूद अहमद ने कहा कि सजूमा में चुनावी नतीजे आने के बाद दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था. जिसमें पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं. इसको लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया है. जिसमें अभी तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में पुलिस कार्रवाई अभी चल रही है. इस घटनाक्रम के बाद दोनों पक्षों की ओर से शिकायत दी गई थी. जिसमें दोनों पक्षों के खिलाफ एक-एक मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अन्य किसी घायल और पीड़ित व्यक्ति की तरफ से शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा.
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एसपी ने कहा कि दोनों पक्ष डीसी व उनसे मिलने आए थे. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की दोनों पक्षों के साथ मीटिंग हुई. दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए इस मामले को निपटाने की अपील की गई है. इस पूरे मामले की जांच के लिए डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी (Kaithal SP formed SIT) का भी गठन किया गया है. इस दौरान एसपी मकसूद अहमद ने ग्रामीणों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए बताया कि गांव में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. 50 पुलिसकर्मी दिन में और 50 पुलिसकर्मी रात में तैनात रहेंगे.