कैथल: रविवार को हरियाणा में पहली बार संत धन्ना भगत की जयंती मनाई गई. धनौरी गांव कैथल में धन्ना भगत की जयंती पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम प्रदेश सरकार की तरफ के आयोजित किया गया. इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलान किया कि जींद मेडिकल कॉलेज का नाम धन्ना भगत सिंह के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ उन्होंने धनौरी गांव में महिला कॉलेज बनाने की ऐलान किया. सीएम ने कहा कि गांव के पीने के पानी की सप्लाई भाखड़ा नहर से होगी.
इसके अलावा सीवरेज और पानी की व्यवस्था की जाएगी. धनौरी गांव में एक सामुदायिक केंद्र और पुस्तकालय बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने धनौरी गांव के विकास के लिए 7 करोड़ रुपये देने की घोषणा की. इसके अलावा धनौरी की गऊशाला के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की. इस मौके पर बीजेपी हरियाणा अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि धन्ना भगत ने 608 साल पहले जो विचार दिए थे, वो आज भी हम सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि धन्ना भगत साकार के सामने बैठकर निराकार से बात करने का सामर्थ्य रखते थे. धनखड़ ने कहा कि भगत शिरोमणि धन्ना ने विश्वास के आधार पर पत्थर में ईश्वर को प्रकट कर भोजन करा दिया था. ऐसे ही करमाबाई ने पत्थर में ईश्वर को प्रकट कर खिचड़ी खिला दी. भगवान पत्थर में नहीं हैं, विश्वास में है. हम विश्वास करते हैं और जहां हम विश्वास करते हैं. वहीं पत्थर में ईश्वर को प्रकट करने का सामर्थ्य रखते हैं.
मूर्ति के अस्तित्व पर धनखड़ा ने कहा कि हम मूर्ति को तो उतनी देर तक देखते हैं. जब तक पूजा शुरू नहीं होती. पूजा शुरू होने के बाद हम मूर्ति को नहीं देखते, बल्कि उस ईश्वर के निराकार रूप को देखते हैं. हम मूर्ति के सामने ऐसे ही बात करते हैं, जैसे टेलीफोन पर करते हैं. टेलीफोन तो साकार है, लेकिन रेंज निराकार में से जाती है. ऐसे ही हम साकार और निराकार दोनों में ही यात्रा करते हैं. ऐसे धन्ना भगत साकार के सामने बैठकर निराकार से बात करते थे.
संत मत और सनातन को साथ लेकर चलते थे, ये दोनों ही धाराएं भारत की हैं. धन्ना भगत की वाणी में संतों का जिक्र है, कबीर और नानक का जिक्र है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि भारत संतों और ऋषि-मुनियों की भूमि है. हरियाणा गीता की भूमि है. कैथल सांख्य दर्शन के ऋषि कपिल की भूमि है, स्वामी विवेकानंद के दादा तोतापुरी की भूमि है और इस भूमि पर संत शिरोमणी धन्ना भगत की जयंती पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का आना गर्व की बात है.
ये भी पढ़ें- पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक की आवाज दबाने की कोशिश की तो खून बहा देंगे, गोली खानी पड़ी तो खाएंगे: गुरनाम चढूनी
उन्होंने कहा गीता जयंती पर महामहिम राष्ट्रपति का आना और धन्ना भगत की जयंती पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का आना जैसा नजारा बीजेपी सरकार में ही देखने को मिल सकता है. हमारी सरकार में संत रविदास, भगवान वाल्मिकी, भगवान परशुराम की जयंती को मनते हम सभी ने देखा है. हमारी सरकार केवल राजनीतिक सभाएं ही नहीं करती, बल्कि संतों के संस्कार को लेकर लोगों के बीच जाने का काम करती है.