कैथल: हरियाणा में धान की खरीद (Paddy procurement in Haryana) के पहले दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला (Congress General Secretary Randeep Singh Surjewala) ने कैथल की अनाज मंडी का निरीक्षण किया. इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने धान लेकर आए किसानों, मजदूरों और आढ़तियों से बातचीत की. इसके बाद सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र और राज्य सरकार पर किसान-मजदूर विरोधी, क्रूर और निर्दयी होने का आरोप लगाया.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आए दिन नए-नए षडयंत्रकारी मनसूबों से किसान के पेट पर लात मारना अब मोदी-खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकारों की फितरत बन गई है. पहले धान की खरीद टाली और अब नमी में छूट ना देकर किसानों की रोजी-रोटी पर बीजेपी ने संकट पैदा कर दिया है. सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 25 सितंबर से शुरू होनी थी. इस बारे सरकारी पत्र भी जारी कर दिया गया. लाखों क्विंटल धान 20 सितंबर से ही मंडियों में आना शुरू हो गया. 11 दिन बीत जाने के बाद भी एक फूटी कौड़ी धान की MSP पर सरकारी खरीद नहीं हुई.
धान खरीद में किसानों के साथ 'धोखा', रणदीप सुरजेवाला ने खोली पोल इसके बाद मोदी सरकार ने 30 सितंबर को MSP पर धान की सरकारी खरीद की तिथि को टालकर 11 अक्टूबर कर दिया. 01 अक्टूबर को भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये माना कि हरियाणा में धान में नमी की मात्रा 22.7 प्रतिशत है. इसलिए खरीद 11 अक्टूबर से होगी. बीजेपी सरकार के इस फैसले का किसानों और कांग्रेस ने घोर विरोध किया.
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विरोध के चलते मोदी-खट्टर सरकारों को झुकना पड़ा और धान की खरीद 3 अक्टूबर से करने का फैसला किया. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने आज तक धान और बाजरा खरीद के साल 2021-22 के मापदंड जारी नहीं किए. सच्चाई ये है कि मोदी-खट्टर सरकारों ने जानबूझकर व षडयंत्रकारी तरीके से खरीफ फसलों में दशकों से निर्धारित नमी की मात्रा, दाना सिकुड़ने व रंग बदलने के मापदंड जारी नहीं किए, ताकि MSP पर खरीद ना हो सके और अपने आप MSP चोर के दरवाजे से खत्म हो जाए.
धान की नमी जांचने के बाद सुरजेवाला ने किसान, मजदूर और आढ़तियों की समस्याएं सुनी मोदी सरकार ने 1 अक्टूबर की विज्ञप्ति में माना है कि हरियाणा में धान में नमी की मात्रा 22.3 प्रतिशत है. खट्टर सरकार ने 30 सितंबर के पत्र में ये साफ लिखा है कि 17 प्रतिशत नमी से अधिक होने पर धान खरीद नहीं की जाएगी, तो फिर बताएं कि धान या बाजरे की खरीद कैसे होगी, क्योंकि मोदी सरकार खुद मानती है कि हरियाणा के धान में नमी की मात्रा तो 22.7 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की मंडियों में 20 लाख क्विंटल से अधिक धान खुले में पड़ा है.
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उदाहरण के तौर पर जिला अंबाला की मंडियों में लगभग 4.50 लाख क्विंटल धान, जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों में लगभग 5.50 लाख क्विंटल धान, जिला यमुनानगर की मंडियों में लगभग 2.25 क्विंटल धान, जिला कैथल की मंडियों में लगभग 2 लाख क्विंटल धान व जिला करनाल की मंडियों में लगभग 1.75 लख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है. हजारों किसान सरकार की ओर टकटकी बांधे देख रहे तथा MSP पर खरीद की आस में बैठे हैं. हरियाणा और देश का अन्नदाता अब कहां जाए?