कैथल:हरियाणा के पूर्व मंत्री रणदीप सुरजेवाला निकाय चुनावों के प्रचार में जोर शोर से लगे हुए (Randeep Surjewala on civic elections) हैं. जिसके तहत वे शुक्रवार को जिला कैथल के ग्यारह रूद्री शिव मंदिर में ब्राह्मण सम्मेलन में वोट मांगने के लिए पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव ईमानदारी बनाम दौलत का चुनाव है. भारतीय जनता पार्टी के लोग इस चुनाव में सिर्फ मुझे गालियां देने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह चुनाव मुझे गालियां देने का चुनाव नहीं है बल्कि यह बताने का चुनाव है कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 8 वर्षों में शहर के लिए क्या किया है.
अग्नीपथ योजना का विरोध: अग्नीपथ योजना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के साथ बहुत बड़ी ज्यादती है, उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 4 वर्ष नौकरी करने के बाद नौजवान कहां जाएंगे. हो सकता है कि वह आने के बाद रास्ता भटक जाए क्योंकि वह लोग हत्यार द्वारा ट्रेन (Randeep Surjewala on Agnipath Scheme Protest) है. कितने बच्चों ने इस खबर के बाद सुसाइड कर लिया है. उन्होंने कहा कि वे देश के युवाओं को भरोसा दिलाते हैं कि वे इस अग्निपथ योजना को कृषि कानूनों की तरह वापस करवाएंगे.
ये चुनाव ईमानदारी बनाम दौलत का है चुनाव: रणदीप सुरजेवाला ईमानदारी बनाम दौलत का है ये चुनाव: रणदीप ने इस चुनाव को ईमानदारी बनाम दौलत का चुनाव करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को रणदीप सुरजेवाला के नाम का फोबिया रोग हो चुका है. तभी तो भाजपा के मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, मंत्री, सांसद, विधायक, चेयरमैन सहित सभी अपने 8 साल के काम बताने की बजाय रणदीप को सिर्फ गालियां देने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर गालियां देने से शहर का विकास होता तो वे अपने साथियों को भी इसी काम में लगा (Randeep Surjewala target BJP) देते.
भाजपा पर साधा निशाना:उन्होंने कहा कि अगर कोई भाजपा से पूछे कि 8 साल में कैथल में कोई अस्पताल, बिजली घर, पीने के पानी की टंकी, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, कॉलेज, स्कूल, स्टेडियम, टेक्निकल(ड्राइविंग)कॉलेज, रोजगार का आधारा, बाईपास, फोरलेन, पार्क, मंदिर, मंदिरों का जीर्णोद्धार, तीर्थों का जीर्णोद्धार, धर्मशाला, पुल बनाया है तो उनका जवाब सिर्फ न में होगा. अगर ऊपर नीचे सरकार भाजपा की होने के बाद भी कैथल में 1 काम भी नहीं कर पाए तो वो वोट किस बात की मांग रहे हैं.
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