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अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को मिलेगी ताकत: सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अशोक अरोड़ा के इनेलो छोड़ने पर कहा कि अगर वो कांग्रेस में शामिल होते हैं तो पार्टी को बड़ी ताकत मिलेगी.

अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को मिलेगी ताकत

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Published : Sep 10, 2019, 8:01 PM IST

कैथल: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है और सभी दलों के नेता अब जनता के बीच जाकर लोगों से उनकी समस्याएं सुन रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला गुहला चीका पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

'कांग्रेस को मिलेगी ताकत'
इस दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अशोक अरोड़ा द्वारा इनेलो पार्टी छोड़ने पर कहा कि अगर अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल होते हैं तो पार्टी को बड़ी ताकत मिलेगी. उन्होंने कहा कि अशोक अरोड़ा एक सज्जन व्यक्ति हैं और उन्होंने बड़े लंबे समय तक कुरुक्षेत्र की सेवा की है. अगर वो कांग्रेस में आना चाहते हैं, तो हम उनका भव्य स्वागत करेंगे.

ये भी पढ़ें:कुरुक्षेत्र: अशोक अरोड़ा ने INLD से दिया इस्तीफा, ऐलान करके भावुक भी हुए

15 सालों तक रहें इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष
अशोक अरोड़ा इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे. वो 15 सालों तक इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं. मंगलवार को अशोक अरोड़ा समर्थकों के बीच पहुंचे और इस्तीफा देने की घोषणा की. सूत्रों की मानें तो कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अशोक अरोड़ा जल्द ही कांग्रेस का हाथ थामने का फैसला कर सकते हैं. यहीं नहीं सूत्रों की मानें तो वो थानेसर से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं.

देखें इनेलो से अशोक अरोड़ा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से खुश नहीं थे अरोड़ा !
आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अशोक अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दिया था. अरोड़ा ने कहा था कि पार्टी के हार पर नैतिक जिम्मेवारी के नाते अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. अशोक अरोड़ा ने अपना इस्तीफा पार्टी कार्यालय को ई मेल के जरिए भेजा था. अरोड़ा के इस्तीफे के बाद विरोधी पार्टियों में राहत महसूस की जा रही है. बीजेपी भी अंदर ही अंदर इस फैसले के बाद राहत सांस ले रही होगी.

दरअसल इंडियन नेशनल लोकदल ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश पदाधिकारियों के नाम की घोषणा कर दी थी. बताया जा रहा है कि अरोड़ा इन नामों की सूची से संतुष्ट नहीं थे. यही नहीं नई सूची में अशोक कुमार अरोड़ा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया था, लेकिन वे इससे भी खुश नहीं थे.

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