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'सड़क के नाम पर काला पेंट कर जाते हैं ठेकेदार, बरसों से मरम्मत का कर रहीं इंतजार' - कैथल टूटी सड़कें

प्रशासन ने जिले में 6 महीने पहले ही करनाल रोड पर 7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया था. जिसपर करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत आई थी. सड़क बनाने के बाद अधिकारियों को याद आया कि यहां सीवरेज लाइन तो डाली ही नहीं.

Quality norms not followed in road maintenance works in kaithal
Quality norms not followed in road maintenance works in kaithal

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Published : Nov 9, 2020, 9:13 PM IST

कैथल: मॉनसून के बाद से कैथल जिले में सड़कों की हालत खस्ता है. करनाल रोड की हालत तो इतनी खराब हो चुकी है कि यहां आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होना आम बात हो गई है. हैरानी की बात तो ये है कि जिला प्रशासन की तरफ से इन सड़कों की देखरेख को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

आप भी यहां की तस्वीरों को देखने के बाद ये समझने में वक्त नहीं लगेगा कि यहां सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. कैथल की ज्यादातर सड़के टूटी-फूटी अवस्था में हैं. कई सड़कें तो ऐसे हैं जो कई सालों से मरम्मत का इंतजार कर रही हैं.

कैथल में बारिश के बाद सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई हैं.

प्रशासन की लापरवाही लोगों पर भारी

प्रशासन ने जिले में 6 महीने पहले ही करनाल रोड पर 7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया था. जिसपर करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत आई थी. सड़क बनाने के बाद अधिकारियों को याद आया कि यहां सीवरेज लाइन तो डाली ही नहीं. फिर क्या था. बनी बनाई सड़क को उखाड़ दिया गया. अब यहां सीवरेज लाइन बिछाने का काम जारी है.

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने कैथल के करीब 6 गांवों का दौरा किया. सभी गांवों में सड़कों का हालत बद से बदतर दिखी. जो सड़के बनाई भी गई थी वो बारिश की वजह से खराब हो चुकी हैं. ग्रामीणों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह ये भी है कि सड़क बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. अब जो सड़कें बनाई भी जा रही हैं उनपर भी लीपापोती की जा रही है.

ज्यादातर सड़कों पर रिफ्लेक्टर तक नहीं लगाया गया है. जिसकी वजह से हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. अधिकारियों को इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. कैथल पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी से जब इस बारे में बात की गई तो वो सबकछ दुरुस्त बताते नजर आए. उन्होंने कहा कि ज्यादातर सड़कें सही हालत में हैं. जो सड़कें टूटी हुई हैं उनकी मरम्मत की फाइल उच्च अधिकारियों को दे दी गई है.

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एक अधिकारी ने नाम ना बताने की सूरत में बताया कि कैथल जिले को 8 से 10 करोड़ का बजट सालाना सड़कों के निर्माण के लिए मिलता है. ये बजट हर विधानसभा और जिले के लिए अलग-अलग होता है. सड़कों की हालत को लेकर जब एसपी से बात की गई तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया. डीसी ने भी कैमरे के सामने कुछ भी कहने के बचते नजर आए.

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