कैथल: मानसून का दौर जारी है. इसी दौरान किसानों के चेहरे मानसून पर आने से खिल जाते हैं, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जो की मानसून का शिकार हो जाते हैं. क्योंकि उनके खेतों में जलभराव हो जाता है. जिससे उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है. ईटीवी भारत ने कैथल के गांव खनोद में देखा कि वहां पर सैकड़ों एकड़ भूमि पर धान लगाई हुई है और वहां पूरा एरिया पिछले एक महीने से जलमग्न पड़ा हुआ है.
इस बारे में किसान धर्म सिंह और कुलदीप ने बताया कि 5 जुलाई को जो मानसून की बरसात हुई थी. तब से ही उनके खेतों में पानी भरा हुआ है. उनकी फसल पर एक एकड़ में लगभग 15 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं. अब नौबत ये आ चुकी है कि दोबारा उनको धान की रोपाई करनी पड़ेगी, लेकिन अब खर्च उससे भी ज्यादा होगा. क्योंकि धान की रोपाई करने के लिए इस समय धान की नर्सरी मुश्किल से मिलेगी. वहीं मजदूर मिलेंगे या नहीं इसकी भी चिंता है.