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राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने मोबाइल वॉटर टेस्टिंगलैब वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना - वॉटर टेस्टिंगलैब वैन कलायत

महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा सोमवार को कलायत में थीं, इस दौरान उन्होंने मोबाइल वॉटर टेस्टिंग लैब वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ढांडा ने कहा कि ये वैन हर गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी.

minister kamlesh dhanda flagged off mobile water testing lab van in kalayat
मोबाइल वॉटर टेस्टिंगलैब वैन रवाना

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Published : Nov 23, 2020, 10:12 PM IST

कैथल: जिले के कलायत हल्के में राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने लोक निर्माण विश्राम गृह से खंड कलायत के लिए जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत पानी की जांच के लिए मोबाइल वॉटर टेस्टिंग लैब वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ढांडा ने कहा कि ये वैन हर गांवों में पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी और हर एक गांव में साफ पानी उपलब्ध होगा. इस मिशन के तहत देशभर में हर घर में स्वच्छ जल पहुंचाने का लक्ष्य 2024 तक रखा गया है.

'स्वच्छ जल के लिए 3.5 लाख करोड़'

महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर घर में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है. पीने के पानी की समस्या खासकर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा विकट है और इस समस्या से सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए जल जीवन मिशन के तहत युद्ध स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं.

रिपोर्ट देखिए.

'18 करोड़ के काम हो चुके हैं'

कमलेश ढांडा ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन को जल्द से जल्द सफल बनाने के लिए प्रयास कर रही है. ढांडा ने कहा कि कलायत हलके में पीने के पानी को हर घर में पहुंचाने के लिए 18 करोड़ रुपए की लागत से काम हो चुका है और 42 करोड़ रुपए के कार्य शीघ्र शुरू होने वाले हैं.

कैसे होती है टेस्टिंग?

राज्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में एक करोड़ रुपए की मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन प्रदेशवासियों के लिए अच्छी सौगात लेकर आई, ताकि गुणवत्ता वाला पानी हर घर में पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके. ढांडा ने कहा कि पानी पीने लायक नहीं हुआ तो उसमें जो खामियां है उनको दूर किया जाएगा. अगर पानी पीने योग्य नहीं है तो ग्रामीणों के पीने के पानी के वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. मोबाइल लैब के जरिए पानी के 10 पैरामीटर की जांच की जाएगी. सैंपल लेने के 20 से 25 मिनट के अंदर मौके पर ही मोबाइल लैब से रिपोर्ट तैयार होगी और मोबाइल टेस्टिंग लैब ऑनसाइट जाकर सैंपल लेगी. इससे किसी क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता कैसी है, इसका पता चल पाएगा.

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