कैथल: पशुओं में लंपी स्किन डिजीज (lumpy skin disease in Kaithal) के मामले बढ़ते जा रहा हैं. कैथल की कपिस्थल नंदी गौशाला में भी इस बीमारी ने दस्तक दे दी है. गौशाला संचालक के मुताबिक इस बीमारी से यहां एक दूध देने वाली गाय समेत 5 पशुओं की मौत हो चुकी है. गौवंश की मौत के कारण गौशाला प्रबंधक समिति चिंता में हैं. इस बीमारी के बचाव के लिए अभी तक उन्हें कोई उपचार नहीं मिला है. प्रबंधक समिति प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि गौशाला (kaithal Kapisthal Nandi Gaushala) में लगातार वायरस बढ़ रहा है और इसको रोकने का कोई साधन नहीं है.
समिति प्रधान ने बताया कि गौशाला में लगभग 150 गौवंश में लंपी वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं. इन सभी को चिकित्सकों के कहने पर अलग बाड़े में रखा गया है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से वायरस को रोकने के लिए दवाइयां और टीकाकरण का प्रबंध करने की मांग की है. अभी तक गौशाला के निजी कोष से डेढ़ लाख रुपये की राशि टीकाकरण व दवाइयां पर खर्च की जा चुकी है. पशु चिकित्सक वेदप्रकाश ने बताया कि गौशाला में टीकाकरण प्रक्रिया को तेज किया गया है और अभी तक लगभग 1000 गोवंश का टीकाकरण किया जा चुका है ताकि वायरस को रोका जा सके.
वहीं शुक्रवार को पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जेपी दलाल ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार ने वैक्सीन बना ली है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर उन्होंने केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोतम रूपाला से बातचीत की है. उन्होंने अश्वासन दिया कि हरियाणा प्रदेश में जल्द से जल्द ये वैक्सीन उपलब्ध करवा दी जाएगी, ताकि पशुओं में फैली इस बीमारी को रोका जा सके.