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कैथल जिला परिषद चुनाव: खींचतान के बाद जेजेपी और बीजेपी में समझौता, जेजेपी का चेयरमैन और बीजेपी का बना वाइस चेयरमैन

कैथल जिला परिषद चुनाव (Kaithal Zilla Parishad Election) में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार हरियाणा में बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी को कैथल में वाइस चेयरमैन पद पर संतोष करना पड़ा, चेयरमैन पद जेजेपी को मिला है.

Kaithal Zilla Parishad Election Kaithal Zilla Parishad Chairman
कैथल जिला परिषद चुनाव

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Published : Jan 14, 2023, 2:13 PM IST

जेजेपी के दीप मलिक जखोली कैथल जिला परिषद के चेयरमैन चुने गए.

कैथल: जिला परिषद चेयरमैन (Kaithal Zilla Parishad Chairman Election) कुर्सी के लिए हरियाणा में गठबंधन सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच लंबे समय तक खींचतान चलने के बाद आखिरकार दोनों के बीच सहमति बन गई. दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के तहत जननायक पार्टी के दीप मलिक जखोली को चेयरमैन चुन लिया गया वहीं भारतीय जनता पार्टी के कर्मवीर कौल वाइस चेयरमैन चुने गए हैं. कैथल में बीजेपी को वाइस चेयरमैन पद पर ही संतोष करना पड़ा है.

जिला परिषद का चुनाव दोनों पार्टियों के लिए साख की लड़ाई बना हुआ (Kaithal Zilla Parishad Election) था, जिसको लेकर दोनों पार्टियों ने साम,दाम,दंड और भेद की सभी नीतियां अपनाई थी. चुनाव में खास बात यह रही कि जननायक जनता पार्टी के पास बहुमत था और आखिरी तक बना रहा. वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात की जाए, तो उनके पास बहुमत के लिए पर्याप्त पार्षद नहीं थे. इसलिए अपनी साख बचाने के लिए आखिरकार दोनों पार्टियों के नेताओं ने आपस में बैठकर समझौता कर लिया.

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इसके तहत चेयरमैन का पद जननायक जनता पार्टी को और वाइस चेयरमैन का पद भाजपा को मिला. जिला परिषद कैथल के चुनाव की पूरे हरियाणा में चर्चाएं थी. वहीं दोनों पार्टियों के नेताओं ने इसे अपने वर्चस्व की लड़ाई भी बनाया हुआ था. क्योंकि जिला परिषद के इस चुनाव को कहीं ना कहीं विधानसभा के सेमीफाइनल मैच की तरह देखा जा रहा था. वहीं कैथल में ब्लॉक समिति चेयरमैन में अपना परचम फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए भी यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं था.

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बताया जा रहा है की इस चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थिति यह थी कि पिछली तीन बैठक में जब उन्हें लगा कि उनका चेयरमैन और वाइस चेयरमैन नहीं बन सकता, तो उसी समय अचानक चुनाव करवाने वाले अधिकारी ही अवकाश पर चले जाते थे. इसीलिए शहर में चर्चाएं थी कि बीजेपी को जब तक कोई भी पद नहीं मिलता, तब तक चुनाव नहीं हो पाएगा और आज वही साबित हुआ.

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