कैथल: प्रदेश के सबसे बड़े वैट घोटाले की जांच कमेटी में अहम भूमिका निभाने वाले और जीएसटी चोरी करने वाले बड़े बिल्डर और ठेकेदारों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में माहिर हरियाणा के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के दबंग अधिकारी डी.ई.टी.सी वीके शास्त्री को निलंबित कर दिया है. वीके शास्त्री के निलंबन से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. विभाग के मुख्य सचिव दविंदर सिंह कल्याण ने शुक्रवार, 15 दिसंबर की देर रात आदेश जारी करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
क्या है पूरा मामला?: सूत्रों के अनुसार लोकायुक्त की रिपोर्ट में दोषी मिले 69 अधिकारियों की लॉबी के दबाव में यह कार्रवाई की गई है. इन्होंने प्रदेश बड़े कई बड़े बिल्डर और ठेकेदारों की नाक में दम कर रखा था. इसके साथ ही पिछले हफ्ते अपने ही विभाग के भ्रष्ट तीन बड़े अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कैथल एसपी को भी पत्र लिखा था. इसके अलावा GST चोरी करने वालों को न पकड़ने वाले अपने ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अक्सर मुख्यालय को चिट्ठी लिखते रहते थे.
10,618 करोड़ का वैट घोटाला पकड़ने पर CM कर चुके हैं तारीफ: वीके शास्त्री ने साल 2015 में प्रदेश में हुए सबसे बड़े वैट घोटाले की SIT में अहम भूमिका निभाते हुए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बिना टैक्स के कमर्शियल एक्टिविटी, रोड साइड चेकिंग सहित कुल 10,618 करोड़ रुपए के वैट घोटाले का भंडाफोड़ किया था. इस घोटाले में विभाग के 69 अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई गई थी, जिन पर कार्रवाई करने के लिए लोकायुक्त को लिखा गया था. वीके शास्त्री की इस उपलब्धि पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी पूरी टीम के साथ पीठ थपथपाई थी.
फतेहाबाद में शराब के 18 डिफाल्टरों की लैंड अटैच करने पर डिप्टी सीएम ने दी थी मिसाल:बता दें कि2019 में फतेहाबाद में तैनाती के दौरान वीके शास्त्री ने विभाग की जुर्माना और फीस राशि जमा न करने वाले जिले के 18 शराब ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए उनकी लैंड अटैक करवाई थी. इसको लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने वीके शास्त्री की जमकर सराहना की थी. साथ ही प्रदेश के सभी अधिकारियों को भी प्रेरित होने के लिए कहा था.