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कैथल CMO की बड़ी कार्रवाई, सरकारी अस्पताल के दो और कर्मचारी निष्कासित

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Published : Jul 31, 2021, 9:44 PM IST

कैथल सीएमओ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी अस्पताल के दो और कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया है. आरटीआई के हुए खुलासे के बाद ये एक्शन लिया गया है.

kaithal government hospital Two Employee Terminate
कैथल CMO की बड़ी कार्रवाई, सरकारी अस्पताल के दो और कर्मचारी निष्कासित

कैथल:कैथल का सरकारी अस्पताल (Kaithal Government Hospital) पिछले काफी समय से सुर्खियों का केंद्र बना हुआ है. बात चाहे स्वास्थ्य सेवाओं की हो या फिर अस्पताल में लगे कर्मचारीयों की शैक्षणिक योग्यता पर उठ रहे सवालों की हो. ऐसे में अब सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों पर एक और बड़ी कार्रवाई की गई है. दरअसल, यहां के दो कर्मचारियों को टर्मिनेट (Two Employee Terminate ) किया गया है.

बता दें कि एक ही समय में दो जगह हाजरी लगाने पर पब्लिक हेल्थ मनेजर विजय गुप्ता और पद के अनुरूप शैक्षणिक योग्यता न रखने वाली साइकोलॉजिस्ट परवेश कुमारी को टर्मिनेट किया गया है. ये कार्रवाई एक आरटीआई के जवाब में मिली जानकारी के बाद की गई है. आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर ने कुछ महीने पहले सरकारी अस्पताल में लगे दो कर्मचारीयों के खिलाफ उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सीएम विंडो में दो अलग-अलग शिकायतें की थी. जिसकी जांच में सीएमओ कैथल ने दोनों कर्मचारीयों को दोषी मानते हुए उन्हें तुरंत नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है.

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जानकारी देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल ने बताया कि विजय गुप्ता, जो कोरोना काल के चलते अस्पताल में पब्लिक हेल्थ मैनेजर की पोस्ट पर जुलाई 2020 पर नियुक्त किए गए थे. नियुक्ती के लिए विजय गुप्ता की ओर से एमबीए की डिग्री लगाई थी, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दो-दो जगह हाजिरी लगाई थी.

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जयपाल ने बताया कि विजय गुप्ता जिस समय ये एमबीए की डिग्री के पेपर मेरठ में दे रहे थे उसी वक्त वो अस्पताल में भी अकाउंट असिस्टेंट की पोस्ट पर हाजिरी लगा रहे थे. वहीं एक दूसरी शिकायत में जिस में परवेश कुमारी को टर्मिनेट किया गया है. वो फरवरी 2014 से जिला कैथल के सरकारी अस्पताल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत साइकोलॉजिस्ट के पद पर लगी हुई थी. उनकी शैक्षणिक योग्यता उसके पद के अनुरूप नहीं थी. साइकोलॉजिस्ट के पद के लिए न्यूनतम योग्यता एमफिल क्लिनिकल साइकोलॉजी की डिग्री होना अनिवार्य है, जबकि परवेश के पास केवल एमफिल साइकोलॉजी की डिग्री है, जो कि उपरोक्त साइकोलॉजिस्ट की पोस्ट के लिए अवैध है.

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