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हरियाणा के इस जिले में 3 साल से नहीं मिला मलेरिया का मरीज, जानें कैसे किया काबू

मलेरिया और डेंगू के ऊपर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाया है. जिसके तहत इस सीजन में उन 214 लोगों को नोटिस भेजा गया है. जिनके घर या निजी जगहों पर मलेरिया और डेंगू का लारवा मिला है.

Kaithal district malaria and dengue free corona virus
Kaithal district malaria and dengue free corona virus

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Published : Aug 31, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 2:29 PM IST

कैथल: एक तरफ कोरोना का कहर जारी तो दूसरी तरफ सीजनल बीमारियों का डर. मानसून शुरू होते ही सीजनल बुखार के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं. क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर तेजी से पनपते हैं. इन मच्छरों की वजह से डेंगू और मलेरिया जैसी सीजनल बीमारियां पैर पसारना शुरू कर देती हैं.

मलेरिया बारिश के जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है, जबकि डेंगू एडीज मच्छर (प्रजाती) के काटने से फैलता है. बात करें कैथल जिले की. तो आपको जानकर खुशी होगी कि जिले में तीन साल से अभी तक मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

मलेरिया फ्री हुआ कैथल, इस साल डेंगू का भी कोई नया केस नहीं

मलेरिया फ्री हुआ कैथल?

साल 2018 से लेकर अभी तक जिले में मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं डेंगू के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2018 में जिले में डेंगू के 31 मामले सामने आए, साल 2019 में ये संख्या घटकर 6 रह गई और साल 2020 में अभी तक डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया है. क्योंकि कोरोना के शुरुआती लक्षण में मरीज को खांसी-जुकाम और बुखार होता है. डेंगू और मलेरिया के केस में भी कुछ ऐसा ही है. लोग इन बीमारियों को लेकर कंफ्यूज ना हो. इसके लिए सीएमओ डॉक्टर जय भगवान ने विस्तार से बताया.

मलेरिया और डेंगू के ऊपर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाया है. जिसके तहत इस सीजन में उन 214 लोगों को नोटिस भेजा गया है. जिनके घर या निजी जगहों पर मलेरिया और डेंगू का लारवा मिला है. बता दें कि डेंगू का टेस्ट सरकारी अस्पताल में निशुल्क होता है. प्राइवेट लैब को इस टेस्ट की मान्यता नहीं है. अगर कोई बाहर से टेस्ट करवाता भी है तो उसकी फीस 600 रुपये निर्धारित की गई है. बात की जाए मलेरिया की. तो सरकारी अस्पताल में इसका टेस्ट भी फ्री में रैपिड टेस्ट किट से किया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग ने चलाया विशेष अभियान

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले के 277 गांवों में मरेलिया और डेंगू की 68 सौ लोगों की जांच निशुल्क की गई है. इसके साथ ही टैमिफीस नामक दवाई का छिड़काव किया गया है. मच्छरों के लारवा को खत्म करने के लिए नाले में काला तेल भी डाला गया. प्रशासन की तरफ से जिले के 108 तलाबों में गबुजिया मछलियों को छोड़ा गया है. ये मछलियां मच्छरों के लारवे को खाती है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों का अब सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है.

जिले में तीन साल से एक भी मलेरिया का केस नहीं मिला इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सेंट्रल गवर्नमेंट को मलेरिया मुक्त के लिए सर्टिफिकेट लेने के लिए अप्लाई भी किया है. जल्द ही कैथल जिले को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कैथल को मलेरिया मुक्त का सर्टिफिकेट मिल जाएगा.

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कैथल स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना और सीजनल बीमारियों से निपटने के लिए 2000 सक्षम युवाओं के साथ अभियान चलाया. इस अभियान के तहत पूरे जिले में मलेरिया और डेंगू के लिए लोगों को जागरूक किया. घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मच्छरों के लार्वे को टेस्ट भी किया. डॉक्टर नीरज मंगला ने कहा कि बरसात के दिनों में डेंगू व मलेरिया के लारवा पक्षी के लिए रखे गए पानी के बर्तन, गमले, टायर, पानी की टंकी, पशुओं का पानी की जगह पर, कूलर, फ्रिज की ट्रे आदि में पनपते हैं. 1 हफ्ते के अंदर हमें इन सभी का पानी बदलते रहना चाहिए और अच्छे से साफ करना चाहिए अगर कोई भी इनका लारवा हो वो समाप्त हो जाए.

यहां समझें कि कोरोना, डेंगू और मलेरिया के लक्षणों को कैसे पहचानें

कोरोना के लक्षण मलेरिया के लक्षण डेंगू के लक्षण
  • बुखार और थकान
  • लगातार खांसी
  • गले में खराश
  • गंध और स्वाद का पता नहीं चलता
  • सांस लेने में मुश्किल होती है
  • तेज बुखार
  • कंपकंपी
  • पसीना आना
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द
  • जी मचलना और उल्टी होना
  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी लगना
  • आंखों के पीछे दर्द
  • ग्रंथियों में सूजन
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना
Last Updated : Aug 31, 2020, 2:29 PM IST

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