कैथल: जिला परिषद के 13 मेंबरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला परिषद के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन समेत जिला परिषद के सीईओ, डीडीपीओ और कई कर्मचारियों पर 5 करोड़ 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है.
जिला परिषद में पिछले काफी समय से दो पक्षों में आपसी मतभेद के कारण टकराव हो रहा है. जिसमें एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर आरोप लगाए हैं कि वो पूरे जिले में बराबर ग्रांट नहीं दे रहे हैं और जिला परिषद के सीईओ डीडीपीओ कई कर्मचारियों ने जिला परिषद के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन के साथ मिलकर लगभग 6 करोड रुपए की ग्रांट में धोखाधड़ी की है.
जिला परिषद चेयरमैन, जिला परिषद सीईओ, डीडीपीओ पर धोखाधड़ी का आरोप उन्होंने कहा है कि कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां पर मात्र पांच लाख की ग्रांट मिली है और कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर एक करोड़ से भी ज्यादा की ग्रांट मिली हुई है. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं बीजेपी नेता अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रांट में धोखाधड़ी कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें:ऑनलाइन एजुकेशन के फायदे कम और नुकसान ज्यादा, छात्रों-अभिभावकों ने बताई अपनी पीड़ा
उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि इस मामले में एक कमेटी बनाकर जांच की जाए और जो भी दोषी है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी इसमें शामिल है. उनको भी तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए और जो राशि उन्होंने जारी की है. उसे तुरंत प्रभाव से दोबारा खाते में डाला जाए.