कैथल:आजकल लोगों के घरों में सदस्यों से ज्यादा वाहन दिखाई देते हैं. इनको चलाने के लिए हर जिले में सैकड़ों की संख्या में पेट्रोल पंप लगाए गए हैं. जहां से हर रोज हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल इन वाहनों में भरा जाता है. पेट्रोल डीजल चाहे कितना भी महंगा क्यों ना हो जाए? लेकिन लोग फिर भी सरकारी वाहनों का प्रयोग कम और अपने निजी वाहनों का प्रयोग ज्यादा करते हैं. जब लोग अपने वाहनों में पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो उनको परेशानियां भी झेलनी पड़ती है. कई बार पेट्रोल-डीजल कम मिलता है तो कई बार मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने से उनके वाहन भी खराब हो जाते हैं.
शिकायतों पर प्रशासन का ढुलमुल रवैया
कैथल जिले में 139 पेट्रोल पंप हैं. जहां से लोग वाहनों में डीजल-पेट्रोल भरवाते हैं, लेकिन सवाल ये बनता है कि क्या ये सभी पेट्रोल पंप लोगों को बिना मिलावट का पेट्रोल-डीजल पूरी मात्रा में दे रहे हैं? तो जवाब है नहीं. क्योंकि जिले में 1 साल में चार पेट्रोल पंप के खिलाफ शिकायतें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को मिली. जिनमें पहली शिकायत 28 फरवरी को एचपी सत्या फिलिंग स्टेशन के खिलाफ हुई. दूसरी 7 मार्च आयुष फिलिंग स्टेशन, तीसरी 31 जुलाई को एसके फिलिंग स्टेशन और चौथी शिकायत 4 अगस्त को एसकेएस पेट्रोल पंप के खिलाफ मिली, जिनमें से एक के सैंपल सही निकले, दो की रिपोर्ट आनी बाकी है और 1 पेट्रोल पंप पर मिलावट पाए जाने पर नोटिस जारी कर दिया गया.
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