कैथल: ताऊ देवीलाल की 106वीं जयंती पर इनेलो ने रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया. इसके साथ ही इनेलो ने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज किया है. रैली के जरिए इनेलो ने प्रदेश में अपनी सक्रियता भी मजबूती से दिखाई है. प्रदेश में ये पहली बार है, जब दो गुटों में बंटे ताऊ देवीलाल के परिवार ने उनकी जयंती अलग-अलग दिन रखी. जेजेपी ने 22 सितंबर को उनकी जयंती मनाई और इनेलो ने 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती मनाई.
ओपी चौटाला भी मौजूद
कैथल में हुई इस रैली में पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला भी मौजूद रहे. रैली में इनेलो नेता अभय चौटाला ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
अभय चौटाला की बड़ी बातें
- 'चौधरी देवीलाल के नारे को पूरा करेंगे'
- अभय चौटाला ने सीएम खट्टर पर साधा निशाना
- 'सरकार की नीयत साफ नहीं'
- 'सरकार से लड़ाई लड़ेंगे'
- 'जनता बीजेपी को करेगी सत्ता से बाहर'
- 'जिन लोगों ने बीजेपी को सौंपी थी सत्ता, उनका भी किया शोषण'
- 'युवाओं को रोजगार देने का वादा'
- '5 किमी के अंदर बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र'
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राजनीतिक अस्तित्व बचाने की कोशिश
आपको बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और ताऊ देवीलाल का दो धड़ों में बंटा परिवार इसी कोशिश में है कि हरियाणा में अपने राजनीतिक वजूद को कैसे बचाया जाए. एक समय वो भी था, जब हरियाणा के सियासत के जर्रे में जर्रे में ताऊ देवी लाल की तूती बोलती थी लेकिन वो दौर था जो निकल गया. अब दो धड़ों में बंटा ये परिवार चौधरी देवीलाल के सहारे अपना राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की कोशिश में लगा है.
पिछले साल इसी कार्यक्रम में हुआ था विवाद
साल 2018 में 25 सितंबर को बारिश आ जाने की वजह से देवीलाल के जन्मदिन पर कार्यक्रम आगे बढ़ाना पड़ा था. अक्टूबर महीने में रैली गोहाना में आयोजित हुई थी. इस रैली के दौरान चौटाला परिवार की अंदरूनी रार पहली बार मंच पर सामने आई थी.
दुष्यंत ट्रैक्टर यात्रा के साथ मंच पर पहुंचे तो समर्थक 'भावी सीएम' के नारे लगाने लगे. तभी दूसरे गेट से विपक्ष के नेता अभय चौटाला मंच पर पहुंचे तो उनके खिलाफ हूटिंग की गई. अंत में पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने कहा था, 'अगर नारे ही लगाने हैं तो वापस चला जाता हूं.
उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वाले या तो सुधर जाएं, वरना चुनाव से पहले निकालकर बाहर फेंक दूंगा'. इसके बाद दुष्यंत को नोटिस जारी किया गया. फिर दुष्यंत, दिग्विजय और अजय चौटाला को पार्टी से बाहर किया गया. पार्टी से दुष्यंत और दिग्विजय ने पिता अजय चौटाला के साथ मिलकर जेजेपी का गठन कर दिया.