कैथल:गुहला चीका के खेतों में सरसों के पीले फूल और गेहूं के हरियाली अभी पूरी तरह से अपने यौवन पर भी नहीं आई थी कि कुदरत ने चंद मिनटों में किसान को हिला कर रख दिया. अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे किसानों को कुदरत की ऐसी मार लगी कि चंद मिनटों में उनकी मटर, सरसों और गेहूं की फसल को जमीन पर बिछा दिया.
कुदरती कहर से हुआ किसानों को नुकसान
आसमान से जमकर बरसात के साथ ओलावृष्टि होने लगी तो गरीबों की झुग्गी, झोपड़ियां तो दूर पक्के मकानों में भी काफी नुकसान हुआ. वहीं किसानों ने बताया कि लगातार तकरीबन 5 से 10 मिनट तक गुहला चीका इलाके में आसमान से बरसात के साथ ओलवृष्टि होने लगी.
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किसानों ने बताया कि लगभग कई एकड़ में लगी मटर की फसल पर अभी तो फूल ही आने शुरू हुए थे कि सोमवार को कुदरत की मार से किसानों के चेहरे दुखी हो गए, क्योंकि वो मटर की फसल पर अच्छा फूल देखकर खुश थे. लेकिन उन्हें क्या पता क्या चंद मिनटों में उनके मटर की फसल पर आए फूल ओलावृष्टि की वजह से झड़ जाएंगे और खेतों में पानी खड़ा हो जाएगा.
बारिश ने फेरा किसानों की उम्मीदों पर पानी
इसके साथ ही ओलावृष्टि और बारिश के दौरान आवाज इतनी तेज थी कि लोग सन्न रह गए. इस ओलावृष्टि से किसान की पूरी तरह से कमर टूट गई. कृषि पर आधारित किसान इस बार फसलों के उत्पादन की उम्मीद कर रहा था, लेकिन कुदरत ने किसान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. बता दें कि किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है.