कैथल: कंप्यूटर हैकर ने खुद की एक कंपनी का हवाला देते हुए विदेशी बैंकों में खाता खुलवाए. जिनमें वह विदेशी कंपनियों के खातों में कंप्यूटर की मदद से सेंध लगाने के बाद डॉलर औरयूरो ट्रांसफर कर लेता है. भारतीय मुद्रा के अनुसार आंकलन किया जाए तो पूंडरी निवासी हैकर्स रमेश कुमार एक बार कंप्यूटर हैक करके करोड़ों रुपए इधर से उधर कर लेता है.
विदेशी कंपनियों ने भारत सरकार के पास शिकायत भेजी. जिस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के उप सचिव वी.विश्वनाथन ने पूंडरी थाना में आईटी एक्ट व धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है.
वी.विश्वनाथन की ओर से पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार वार्ड-6 पूंडरी के रहने वाले रमेश कुमार ने खुद को वलोरेन लिमिटेड कंपनी का मालिक बताते हुए 19 मई 2015 को रायफेसेन बैंक में खाता खुलवाया था. एक मई 2016 को उसने हांगकांग की एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी का ई-मेल हैक कर 287652 यूएस डॉलर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए थे. अगले दिन हड़पे गए डॉलर चीन की एक कंपनी के बैंक खाते में जमा करवा दिए. रमेश ने दिखाया कि उसने चीन की कंपनी को भुगतान किया है, जबकि उसकी कंपनी इतना बड़ा व्यवसाय ही नहीं करती है.
इसके अलावा रमेश ने 26 अगस्त 2015 को एक अन्य बैंक में खाता खुलवाया. 12 दिसंबर 2015 को उसने जर्मनी की इंटरनेट कंपनी का ई-मेल हैक किया और 461255 यूरो अपने खाते में जमा कर लिए. आरोपी ने अगले ही दिन इंटरनेट बैंकिंग की मदद से चीन के बैंकों में राशि ट्रांसफर करने का सात बार प्रयास किया, लेकिन बैंक द्वारा समय पर की गई कार्रवाई के चलते आरोपी ऐसा नहीं कर सका और राशि जर्मन बैंक को वापस कर दी.
विदेशी बैंको के खाते से उड़ाए लाखों डॉलर
पूंडरी से हैक किए गए खाते
शिकायत में आरोप है कि रमेश ने कंपनी के खाते हैक करके धोखाधड़ी करने की नियत से ही बैंक में खाते खुलवाए थे. विदेशी कंपनियों को हैक करने की वारदात पूंडरी में हुई, इसलिए विदेशी पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकी. विदेशी कंपनियों ने मामले की शिकायत भारत सरकार के गृह मंत्रालय को दी. वहां से केस केंद्र सरकार के उप सचिव के पास, फिर मुख्य सचिव हरियाणा के पास आया. सरकार ने पुलिस महानिदेशक के पास शिकायत भेजी और पूंडरी थाना में केस दर्ज हुआ.
थाना पुंडरी एसएचओ धर्मपाल ने बताया कि उप सचिव वी.विश्वनाथन की शिकायत पर रमेश कुमार नाम के व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच इक्नॉमिक सैल के पास भेजी गई है. आरोपी के व्यवसाय और उसके निवास स्थान के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.