हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

ऐसे कैसे आएंगे मेडल ? गुहला चीका खेल नर्सरी के खिलाड़ियों के पास नहीं है अपना ग्राउंड

गुहला चीका में खेलो इंडिया के तहत खिलाड़ियों के लिए खेल नर्सरी तो दे दी है लेकिन यहां खेलने वाले खिलाड़ियों के पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है. जो खिलाड़ी यहां खेलने आते हैं, उनके लिए खुद का ग्राउंड भी नहीं है. वहीं हॉस्टल न होने की वजह से खिलाड़ियों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं.

guhla chika nursery players
guhla chika nursery players

By

Published : Feb 14, 2020, 2:42 PM IST

Updated : Feb 14, 2020, 3:26 PM IST

कैथल: देश में खेल की स्थिति और स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की है. देश में खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना को मिलाकर इनके स्थान पर ‘खेलो इंडिया’ योजना पेश की गई है.

ऐसे खेलेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया?

कार्यक्रम में किए गए बदलाव का लक्ष्य देश में खेल की स्थिति और स्तर में सुधार करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस कार्यक्रम को मंजूरी दी और 2017-18 से 2019-20 की अवधि में इस खेल कार्यक्रम पर 1756 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. इसी कड़ी में गुहला डीएवी कॉलेज के खेल मैदान में हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई खेल नर्सरी में इन दिनों बहुत से बच्चे बुलंदियों को छू चुके हैं.

ऐसे खेलेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया?

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एमिटी मैराथन का आयोजन किया गया था. इस मैराथन में देश-विदेश से हजारों की संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. वहीं चीका खेल नर्सरी से अनिता कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय मैराथन में तीसरा स्थान प्राप्त कर हरियाणा सहित पूरे देश में हल्का गुहला का नाम रोशन किया.

बच्चे करते हैं जी तोड़ मेहनत

खेलों इंडिया के तहत सरकार द्वारा चीका में खेल नर्सरी दी गई थी, जिसमें 7 साल की उम्र से बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसकी वजह से इस ग्राउंड से निकले वाले बच्चे कई राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय खेल चुके हैं. अब चीका की खेल नर्सरी से पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी माफी जैसे कई अन्य खिलाड़ी खेलने वाले है, जो कि इस खेल नर्सरी में लगभग 2 साल से शिक्षा प्राप्त कर जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

अनीता रानी ने पाया तीसरा स्थान

कोच सतनाम ने बताया कि गुरुग्राम में मैराथन के दौरान चीका खेल नर्सरी से अनीता ने तीसरा स्थान प्राप्त कर 70 हजार की राशि जीती. इससे पहले भी अनीता रानी कई बार राष्ट्रीय मंडल खेलों में हिस्सा ले चुकी हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है. डीएवी कॉलेज चीका के खेल मैदान से एक संस्था ओलंपियन सागर दीप कोर की याद में बनाई गई है, जोकि गुहला चीका की शान है.

चीका में कराए जाते हैं कई खेल आयोजन

उन्हीं की याद में कई खेल कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. लाखों रुपये के इनाम के साथ बच्चों की मैराथन और 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों की भी दौड़ करवाई जाती है. अबकी बार ओलंपियन सागर दीप कोर संस्था द्वारा 22 मार्च को चीका मैराथन करवाई जा रही है. इस मैराथन में देश विदेश से खिलाड़ी हिस्सा लेंगे जिन्हें ट्रॉफी के साथ कई लाखों रुपये के इनाम भी दिए जाएंगे.

खिलाड़ियों के पास नहीं है खुद का ग्राउंड

वहीं खेल नर्सरी में अभ्यास कर रही राष्ट्रीय स्तर की अनीता और कई अन्य खिलाड़ियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके पास खुद का मैदान नहीं है. वे डीएवी कॉलेज चीका में बने खेल मैदान में अपनी तैयारियां करते हैं.

150 के करीब बच्चे पा चुके हैं अपनी मंजिलें

खेल नर्सरी के कोच सतनाम सिंह ने बताया कि इस खेल नर्सरी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले 150 के करीब खिलाड़ी आर्मी, पुलिस, रेलवे पुलिस जैसी कई अन्य सरकारी नौकरियों पर लग चुके हैं और अपनी मंजिलें पा चुके हैं.

कोच सतनाम सिंह की सरकार से अपील

चीका खेल नर्सरी के कोच सतनाम सिंह ने हरियाणा और केंद्र सरकार से बच्चों के रहने के लिए हॉस्टल देने की मांग की है, ताकि बच्चे सरकार के साए में रहे और सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता उन्हें प्राप्त हो और बच्चे अपने जीवन में बुलंदियों को छूएं.

वहीं कोच सतनाम सिंह ने ये भी बताया कि चीका खेल नर्सरी में हरियाणा के कौन-कौन से खिलाड़ी अभ्यास के लिए आते हैं और मन लगाकर मेहनत करते हैं और जो खिलाड़ी चीका खेल नर्सरी में अभ्यास करने आते हैं. वे अपने खर्च पर चीका में रहते हैं और खाते हैं.

ये भी पढ़ें-16 फरवरी को नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं अशोक तंवर !

हरियाणा सरकार द्वारा कुछ ही समय पहले चीका में खेल ग्राउंड देने की बात कही है, लेकिन अभी तक मैदान नहीं दिया गया. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि अभी इस खेल मैदान में लगभग 300 के करीब बच्चे हैं, जो अभ्यास कर रहे हैं. उनके रहने के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं है. खिलाड़ी चीका में किराए का मकान लेकर रहते हैं.

Last Updated : Feb 14, 2020, 3:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details