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रिहायशी इलाकों में बने बिजली घर लोगों के लिए बने मुसीबत, सुरक्षा पर भी उठे सवाल - कैथल रिहायशी इलाके बिजली सब स्टेशन खबर

स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके बच्चे इधर-उधर खेलते रहते हैं. जिससे उनके बिजली के चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है. कई बार तो इस तरह के हादसे हो भी चुके हैं. कई बार अधिकारियों से उन्होंने बातचीत भी की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.

electric sub stations fire equipment
electric sub stations fire equipment

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Published : Sep 21, 2020, 4:43 PM IST

कैथल: इलेक्ट्रिकल सब-स्टेशन बिजली उत्पादन और वितरण प्रणाली का एक जरूरी हिस्सा हैं. अक्सर सुरक्षा तंत्र की कमी की वजह से यहां कई बार जानलेवा दुर्घटनाएं होती हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा ने ये जानने की कोशिक की कि क्या बिजली सब-स्टेशनों में पर्याप्त सुरक्षा के उपकरण मौजूद हैं. क्या इमरजेंसी के लिए कोई व्यवस्था की है या नहीं.

आग पर अधूरी सुरक्षा!

अक्सर गर्मियों में बिजली की खपत ज्यादा होती है. जिससे ट्रांसफार्मर्स पर ओवर लोड बढ़ता है और आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है. बिजली सब स्टेशन पर सुरक्षा उपकरण की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा ने कैथल जिले के करीब 5 बिजली घरों का दौरा किया. जिसमें पता चला कि ज्यादातर बिजली स्टेशनों में आग पर काबू पाने के लिए कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे. कहीं रेत की बाल्टियां नहीं नहीं मिली तो कहीं पानी की व्यवस्था. इसका डर लोगों में भी साफ तौर पर देखने को मिला.

रिहायशी इलाकों में बने बिजली घर लोगों के लिए बने मुसीबत, क्लिक कर देखें रिपोर्ट

शिवम रोड पर बना बिजली सब स्टेशन तो रिहायशी सेक्टर से सटा मिला. जब हमने इस स्टेशन पर सुरक्षा उपकरणों का जायजा लिया तो यहां रेत से भरी बाल्टियां भी मिली और आग से निपटने के लिए फायर एक्सटिंग्विशर भी. इसके बावजूद भी लोगों को मानसून के दिनों में अनहोनी का खतरा रहता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में उन्हें करंट फैलने का डर ज्यादा रहता है.

रिहायशी इलाके के लोगों को डर

स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके बच्चे इधर-उधर खेलते रहते हैं. जिससे उनके बिजली के चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है. कई बार तो इस तरह के हादसे हो भी चुके हैं. कई बार अधिकारियों से उन्होंने बातचीत भी की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. ईटीवी भारत पर बातचीत के दौरान स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से बिजली सब स्टेशन को कहीं और शिफ्ट करने की मांग की.

कैथल बिजली विभाग के एक्सईएन भूपेंद्र ने कहा कि जो बड़े-बड़े ट्रांसफार्म बिजली घरों में लगाए जाते हैं. इनमें जल्दी से आग नहीं लगती, क्योंकि इनके अंदर जो ऑयल होता है वो खुद आग को बुझाने का काम करता है. अगर आग का फैलाव होता भी है तो उनके पास आग बुझाने के पर्याप्त उपकरण मौजूद हैं.

बिजली सब स्टेशन में आग लगने की संभावाना को कम से कम किया जा सके इसके लिए. बोर्ड के अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहते हैं. गुलहा डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अजय ने कहा कि उनके पास आग पर काबू पाने के लिए तमाम सुविधा मौजूद हैं.

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ईटीवी भारत हरियाणा की पड़ताल में मिला कि कुछ बिजली सब स्टेशनों पर तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मिले और कुछ पर अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिली. कुछ बिजली स्टेशन पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने ईटीवी भारत की टीम को अंदर जाने से ही रोक दिया. अधिकारियों ने ये भी माना कि कोरोना काल में उनके लिए काम करना चुनैतिपूर्ण रहा. लेकिन विभाग की बड़ी उपलब्धि ये रही कि बिजली की सप्लाई में कोई कमी नहीं रही.

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