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चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने दिया 1 दिन का सांकेतिक धरना, '15 महीने से नहीं मिली तनख्वाह'

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने आज जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की उनका कहना है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पिछले काफी समय से मांग है जो सरकार पूरा नहीं कर रहे.

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने 1 दिन का दिया सांकेतिक धरना
चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने 1 दिन का दिया सांकेतिक धरना

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Published : Jan 15, 2020, 6:59 PM IST

कैथल: राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारी यूनियन ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले जिला शिक्षा अधिकारी व मौलिक शिक्षा अधिकारी कैथल कार्यालय के समक्ष एक दिन का सांकेतिक धरना दिया.

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने धरना दिया

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने आज जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की उनका कहना है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पिछले काफी समय से मांग है जो सरकार पूरा नहीं कर रहे.

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने 1 दिन का दिया सांकेतिक धरना

15 महीने से तनख्वाह नहीं देने का आरोप

जिला प्रधान छज्जू राम ने कहा कि हमारे कर्मचारियों की पिछले 15 महीने से तनख्वाह नहीं दी गई जिसके कारण उनको घर चलाने में काफी समस्या आ रही है, क्योंकि उनकी जीविका का एकमात्र सहारा यह नौकरी है.

कर्मचारियों ने 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल की

कर्मचारियों के मुताबिक सरकार पिछले कई महीनों से उनकी तनख्वाह नहीं दे रही उन्होंने कई बार अधिकारियों के संज्ञान में हम अमल लेकर आए भी हैं, लेकिन फिर भी उस पर कोई अमल नहीं हुआ जिसके चलते आज उन्होंने प्रदेश भर में हर जिला में 1 दिन का सांकेतिक धरना दिया है.

महिला को चौकीदार पद का विरोध

साथ ही उनके एक मुख्य मांग यह भी है कि जो महिला गांव में चौकीदार है उनको आदेश दिया गया है कि रात के समय वह गांव में चौकीदार करेगी. जिसका वह विरोध करते हैं क्योंकि महिला रात के समय में गांव में चौकीदार नहीं कर सकती. क्योंकि गांव में रात के समय में महिलाओं का चौकीदार करना खतरे से खाली नहीं है.

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उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में स्वीपर के बहुत से पद खाली पड़े हैं जिसकी वजह से फोर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उनका काम करना पड़ता है और समय से ज्यादा अपना समय देना पड़ता है लेकिन फिर भी उनको तनख्वाह नहीं दी जाती तो उनकी मांग है कि उन खाली पदों को भी जल्द से जल्द भरा जाए

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