बाढ़ से पीड़ित ग्रामीणों का दर्द कैथल:भारी बारिश के बाद चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है. हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराया हुआ है. इस तबाही में कैथल का एक गांव ऐसा भी है, जहां पर अभी तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया है. गुहला चीका कैथल में भी त्राहिमाम मचा हुआ है. हालात इस कदर दयनीय हो चुके हैं कि लोग भूख से तड़पते हुए अपने गांव से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.
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गुहला चीका कैथल का बॉर्डर पंजाब से लगता है. पंजाब बॉर्डर का एरिया घग्गर नदी से लगता है. जो कि इस समय खतरे के निशान से 8 फीट अधिक उफान पर है. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी किया है.
बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि नदी पार दो दर्जन गांव पानी से भर गए हैं. जिसकी वजह से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसके साथ ही खेतों में बने 50 के करीब डेरो का संपर्क भी टूट गया है. जिसके कारण 800 से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा तमाम वादे किए जाते हैं. लेकिन धरातल तक नहीं पहुंच पाते. प्रशासन के झूठे आश्वासन का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है.
दो दर्जन गांव का टूटा संपर्क ग्रामीणों ने कहा कि गांव में न बिजली है न पीने के लिए पानी है. ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि अभी तक गांव में न तो किसी तरह की व्यवस्था की गई है और न ही डॉक्टर की टीम यहां पर भेजी गई है. गांव वालों का कहना है कि गंदे पानी से बीमारियों के फैलने का डर भी है. लेकिन प्रशासन को कोई चिंता नहीं है. तीन दिन से पूरे गांव में पानी ही पानी भर गया है. घर में पानी घुसने की वजह से राशन सारा खराब हो गया है. संपर्क टूट गया है.
गुरुवार को ईटीवी भारत की टीम कैथल के उपमंडल गुहला चीका पहुंची. वहां पर बाढ़ का पानी गांव से घुसने की वजह से संपर्क टूट गया है. गांव का नाम है श्यो माजरा. इससे आगे गांव पड़ता है, भाटिया जहां पर बीते बुधवार को यहां के जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह को गांव वालों ने आक्रोशित होकर थप्पड़ जड़ दिया था. इसी के बारे में जानने के लिए हमारी टीम गुरुवार को इस इलाके में पहुंची.
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यहां पर लोगों का कहना है कि विधायक पहले कभी इधर आए नहीं और अब जब गांव में बाढ़ का पानी आ चुका है. तब वह पहुंचे इससे पहले गांव वाले कई बार विधायक को मिलने के लिए पहुंचे और निवेदन किया गया बाढ़ के पानी से हमारे गांव को समय रहते बचाया जाए. लेकिन विधायक ने कोई कार्रवाई नहीं की और जब गांव डूब चुके हैं. तब विधायक मौके का जायजा लेने पहुंचे हैं. इस वजह से गांव में गुस्साए लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया.
गांव से पलायन कर रहे ग्रामीण लोगों का कहना है कि आज विधायक की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही की वजह से ज्यादातर गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. खेत पूरी तरह डूब चुके हैं. काफी नुकसान हो गया है. अगर समय रहते समस्या पर गौर किया जाता, तो इस नुकसान से बचा जा सकता था. क्योंकि घग्गर नदी के किनारे पर काफी मजबूती है. लेकिन जब वहां पर थोड़ी दरार आनी शुरू हुई, तो लोग विधायक के घर जाना शुरू हो गए थे. परंतु उन्होंने ध्यान नहीं दिया. इसी का नतीजा है कि लोग अब बेघर हो गए हैं. उनकी फसलें पानी में डूब चुकी है और आज के ताजा हालात यह है कि बाढ़ का पानी चीका की तरफ आना शुरू हो गया है. सड़क को काटकर पानी का रुख बदला गया है. जिसकी वजह से पंजाब का संपर्क हरियाणा से टूट गया है.
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