कैथल:एक तरफ तो सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार प्रदेश में अच्छी शिक्षा व्यवस्था देने की बात कर रही है. सरकार का कहना है कि उनके कार्यकाल में स्कूलों के स्तर में सुधार हुआ है. वहीं दूसरी ओर हकीकत कुछ और बयां कर रही है. गुहला चीका के राजकीय कन्या महाविद्यालय में टीचरों की कमी के चलते विद्यालय की छात्राओं ने रोड को जाम कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी. छात्राओं के इस प्रदर्शन ने सरकार के दावों की पोल खोल दी.
छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन को दिया था अल्टीमेटम
बहरहाल छात्राओं का प्रदर्शन तेज होते देख पुलिस प्रशासन को मोर्चा संभालना पड़ा और कॉलेज प्रशासन की सहमति से जाम को खुलवाया गया.
राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने किया प्रदर्शन, देखें वीडियो जानकारी देते हुए कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि गुहला प्रशासन और जिला प्रशासन के साथ-साथ कॉलेज प्रशासन को भी 1 सप्ताह का समय दिया गया था. जिसके अंदर उन्होंने कॉलेज में अध्यापकों की कमी को पूरा करना था. अल्टीमेटम के बाद भी किसी भी तरह की कमी को पूरा नहीं किया गया.
प्रिंसिपल ने दिया आश्वासन
इस दौरान प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जल्द ही लड़कियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. जिसके लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा डेपुटेशन पर 6 अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि छात्राओं की समस्या का समाधान किया जा सके.
वहीं जब प्रधानाचार्य से सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार है वाले बयान पर पत्रकारों द्वारा जवाब मांगा गया तो वो बातों को घुमा फिरा कर बोलते हुए अपना पिंड छुड़वाते नजर आए. हालांकि सोचने वाली बात ये है कि करोड़ों रुपए की बिल्डिंग खड़ी करने के बावजूद और लड़कियों के लगभग डेढ़ वर्ष हो जाने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने अध्यापकों की नियुक्ति क्यों नहीं की.
इससे साबित होता है कि हरियाणा सरकार के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ धरातल पर सिर्फ ढकोसला ही साबित हो रहे हैं. अब तो ये देखना होगा कि कॉलेज प्रशासन कितनी जल्दी कॉलेज की छात्राओं की समस्या का समाधान करेगा.
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