कैथल:मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों, कर्मचारियों और मजदूरों ने कैथल की हनुमान वाटिका में इकठ्ठा हुए और रोष मार्च निकाला. इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि संपत्ति क्षति पूर्ति अधिनियम हरियाणा 2021 को रद्द किया जाए. वहीं पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों पर बनाए गए मुकदमे वापस लिए जाएं.
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आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि 18 मार्च 2021 को हरियाणा विधानसभा में एक विधेयक पारित करके आंदोलनों के दौरान होने वाली संपत्ति की क्षति की वसूली आंदोलनकारियों से किए जाने का प्रावधान किया है. इस कानून द्वारा पुलिस व कार्यपालिका को असीमित शक्ति दी गई है. इसलिए ये लोकतंत्र पर कुठाराघात है और अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन करता है.
उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत आंदोलन करने वालों, समर्थकों, योजना बनाने वालों, सलाहकारों, आदि को संपत्ति क्षति का दोषी करार देकर उनसे वसूली किए जाने जैसे निरंकुश प्रावधान हैं. वहीं उन्होंने कहा कि संपत्ति क्षति के संबंध में पहले से ही भारतीय दंड संहिता में प्रयाप्त धाराएं मौजूद हैं. इसलिए नए कानून की कोई आवश्यकता नहीं थी.
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