कैथल:प्रदेश में धान, जीरी और अन्यों फसलों की खरीद की जा रही है. हरियाणा सरकार का दावा है कि मंडी में किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम ने गुहला चीका की अनाज मंडी का दौरा किया तो सरकार के दावे धरे के धरे रह गए. फसल खरीद से लेकर मूलभूत सुविधाओं तक के लिए किसान लाचार दिखे.
किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. अनाज मंडी के हालत सरकार के दावे से बिल्कुल अलग नजर आए. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल से हो रही दिक्कतों से भी किसान परेशान दिखे, वहीं गेट पास ना कटने पर किसानों को कड़ी धूप में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.
जब इस बारे में कमीशन एजेंट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो नई प्रणाली बनाई गई है उसमें किसान को फसल बेचने के लिए कई मापदंडों से होकर गुजरना पड़ता है जैसे कि किसान को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और अपनी फसल का ब्योरा उस पर देना होता है. जो किसान इस पर अपनी फसल का विवरण देगा उसी की फसल सरकार खरीदेगी, लेकिन एक साल पहले तक ऐसी कोई नीति किसान के लिए नहीं थी, वे बिना विवरण दिए ही अपनी फसल को बेच सकते थे.
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