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यूपी में चल रहा 'कोको ले गई भाजपा की वोट', कैथल पहुंचे राकेश टिकैत ने समझाया कोको का मतलब

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने तितरम मोड पर तितरम व आस-पास के गांवों के लोगों द्वारा शुरू की गई किसान-मजदूर कैंटीन का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की.

Rakesh tikait in kaithal
Rakesh tikait in kaithal

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Published : Feb 12, 2022, 7:56 PM IST

कैथल:भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) शनिवार को हरियाणा के कैथल जिले में पहुंचे. कैथल में उन्होंने तितरम मोड पर तितरम व आस-पास के गांवों के लोगों द्वारा शुरू की गई किसान-मजदूर कैंटीन का शुभारंभ किया. यहां पर सस्ते दाम पर गरीब मजदूरों को खाना खिलाया जाएगा. राकेश टिकैत ने इस दौरान सरकार पर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि सरकार पहले भी रहीं है, लेकिन तानाशाही सरकार मंजूर नहीं है. इस तरह की सरकार नहीं चाहिए. किसानों को अपना हक मांगना अच्‍छी तरह से आता है. उन्‍होंने कहा कि टोल महंगा है और कुछ विशेष झंडे वालों का टोल फ्री है. हरियाणा में किसान अलग नहीं हैं न ही किसान संगठन में कोई फूट है.

राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी में भाजपा की वोट कोको ले गई. चुनाव के समय भाजपा को पता चल जाएगा. वहां सरकार का पहले चरण में काम निपटा दिया है. कोको के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्ग कोको का नाम लेकर डराते थे. अब वहीं कोको भाजपा की वोट ले गई. उन्होंने कहा कि कोको भाजपा की मौसी है. चुनाव में भाजपा को इस बारे में पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि एसकेएम की लंबित मांगों को लेकर पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा. पूरे देश में लोगों को बताया जाएगा कि किसान, युवा, आदिवासी सभी की जरूरतें क्या हैं. एसकेएम विपक्ष की भूमिका नहीं निभाएगा.

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एसकेएम के चुनाव लड़ रहे लोगों की मदद के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि वे लोग खुद ही 4 माह की छुट्टी पर गए हैं. एसकेएम ऐसे लोगों की मदद नहीं करेगा. एसकेएम के लिए सभी राजनीतिक लोग बराबर हैं. एसकेएम केवल संगठन मजबूती पर ध्यान देगा. पूरे देश में किसान, मजदूर, नौजवन, बेरोजगार आदिवासी सभी की लड़ाई लड़ेगा. वहीं लखीमपुरी खीरी में मंत्री के बेटे को मिली जमानत के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि एसकेएम के वकीलों को नेट में दिक्कत के कारण कोर्ट सुन नहीं पाई. अब अपर कोर्ट में अपील की जाएगी. कोर्ट के फैसले पर बाहर सवाल नहीं उठ सकते.

उन्होंने दिल्ली में हुए 13 महीने के किसान आंदोलन पर कहा कि इस आंदोलन में बातचीत के आधार पर कुछ समझौते हुए. हम आप लोगों को बताना चाहते हैं इस बातचीत में सरकार हमसे नहीं मिली है. हमें सरकार केवल 22 जनवरी 2021 को मिली थी. उसके बाद सरकार से कोई मुलाकात नहीं हुई. जो भी समझौते हुए हैं वह कागजों के आधार पर हुए हैं. कागज आते रहे और कागज जाते रहे. कागज किसने भेजे क्यों भेजे इसकी कोई जानकारी नहीं है. इसलिए हम सरकार की तलाश कर रहे हैं.

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टिकैत ने कहा कि हरियाणा में बुजुर्गों की पेंशन काट दी है, अब बुजुर्ग भी आंदोलन शुरू करेगा. यह बात यहां की सरकार याद रख ले. यहां की सरकार ने तो यह कर दिया है कि यहां के बुजुर्ग अपने घर वालों के सामने पैसे के लिए हाथ फैलाएं. उन्होंने कहा कि देश को गरीब बनाया जा रहा है. बेरोजगारी में पूरी दुनिया में एक नंबर आएगा, हमारा हिंदुस्तान है. इस देश को मजदूर कॉलोनी बनाया जा रहा है. यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है जो देश के साथ चल रहा है. आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन होगा और देश को एक बड़ा झटका लगेगा. कुर्बानियां देनी होंगी और उसके लिए देश का नौजवान तैयार है क्योंकि अगला आंदोलन युवा लड़ेगा और हम उसका साथ देंगे.

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