कैथल: किसी भी देश के विकास में उसके उद्योग जगत का सबसे बड़ा हाथ होता है. जहां ज्यादा बड़ी फैक्ट्रियां वहां ज्यादा तरक्की. लेकिन इन बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों की वजह से जहां फायदा है, वहां नुकसान भी है. इन फैक्ट्रियों की वजह से पर्यावरण के साथ साथ इंसानी जिंदगियों पर भी काफी बूरा असर पड़ रहा है.
पर्यावरण में जहर घोल रहा है फैक्ट्रियों का कैमिकल
इन फैक्ट्रियों की वजह से लोगों की जिंदगी पर कितना असर हो रहा है ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रुख किया कैथल का जहां जिले में कुछ फैक्ट्रियां देखने को मिली. जिसमें रॉ मटेरियल का इस्तमाल कर नया माल तैयार किया जा रहा है लेकिन इसकी वजह से जो फैक्ट्रियों से वेस्ट मटेरियल बाहर आ रहा है उसका सबसे ज्यादा पूरा प्रभाव आम जनता पर पड़ रहा है. स्तानीय लोगों का कहना है कि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले कैमिकल पानी और हवा दोनों दूषित हो रहें हैं जिससे गंभीर बीमारियां फैलने का डर बना रहता है.
कैथल: पर्यावरण में जहर घोल रहा है फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकल कैथल को कृषि प्रधान जिला कहा जाता है लेकिन यहां के लोगों का कहना है कि जिस तरह जिले में स्थित फैक्ट्रियों से कैमिकल निकल रहा है उस हिसाब से तो कुछ ही समय बाद कैथल में कृषि योग्य जमीन ही नहीं बचेगाी साथ ही पीने का पानी भी दुषित होता जा रहा है.
वहीं डॉक्टर्स का मानना है की लोगों में फैल रही बीमारियों का मुख्य कारण फैक्ट्रियों में निकलने वाला कैमिकल पदार्थ ही है जो हवा के साथ-साथ पानी को भी दूषित कर रहा है. डॉक्टर्स का कहना है कि प्रशासन को फैक्ट्री संचालकों से पहले लिखित में लेना चाहिए की अगर उनकी फैक्ट्री में निकलने वाले कैमिकल युक्त पदार्थों की वजह से लोगों की सेहत पर बूरा असर हुआ तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि उनसे और भी लोग सबक लें और हमारे वातावरण को स्वच्छ रखें.
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इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये हाल सिर्फ एक ही जिले का नहीं है बल्कि पूरे भारत का है जहां लाखों फैक्ट्रियां हैं जो इंसानी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बेशक देश तरक्की कर रहा है लेकिन इन फैक्ट्रियों की वजह से दूषित हो रहा पर्यावरण, हमारी जमीन हमारी जिंदगी पर बहुत असर डाल रही है. एक्सपर्ट्स ने इन सब समस्याओं से बचने के लिए सरकार से कोई ठोस कदम उठाने की मांग की है.
कैथल जिले का दौरा कर ये अंदाजा तो हो ही गया है कि इन फैक्ट्रियों की वजह से स्थानी लोगों की जंदगी पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और यहां लोग इस दूषित पर्यावरण के बीच रहने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन अगर समय रहते इस समस्या की हल निकाल लें तो आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ वातावरण मिल सकता है.