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कोरोना काल ने बढ़ा दी लोगों में हुक्के की लत, लॉकडाउन में ज्यादा बिकी तंबाकू

कैथल के सीएमओ डॉक्टर जय भगवान ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में बताया कि धूम्रपान की वजह से 1 साल में भारत में करीब दस लाख लोगों की मौत होती है. भारत में एक तिहाई लोग धूम्रपान करते हैं. देश में 40% पुरुष की मौत धूम्रपान की वजह से होती है.

craze of smoking and hookah is increasing
craze of smoking and hookah is increasing

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Published : Aug 28, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 2:13 PM IST

कैथल: हरियाणा की संस्कृति में हुक्के का अलग ही महत्व है. हुक्के को हरियाणा की शान माना जाता है. इतना ही नहीं इसे मान सम्मान और भाईचारे का प्रतीक भी माना जाता है. आज भी गांवों में बुजुर्ग बड़े से बडे़ विवाद को हुक्का पीते-पीते सुलझा देते हैं. हुक्का एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए लोग साथ बैठकर सुख-दुख बांटते हैं. लेकिन मौजूदा वक्त में चीजें अब बदल सी गई हैं.

हुक्का का चलन इतना बढ़ गया है कि युवा भी इसकी लत का शिकार हो रहे हैं. वो देसी तंबाकू की जगह फ्लेवर या कैमिकल के साथ हुक्के का सेवन कर रहे हैं. जिससे कि घातक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. धूम्रपान की वजह से युवाओं में गले का कैंसर, टीवी या दिल की बीमारी, मुंह का कैंसर, गुर्दों की बीमारी और अल्सर जैसे कई गंभीर बीमारी हो रही हैं. ये बात अलग है कि गांवों में आज भी हुक्के को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है.

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कैथल में धूम्रपान के मामले

  • साल 2019 में अस्थमा के 1831
  • फेफड़ों की बीमारी के 4994
  • दिल की बीमारी के 218
  • टीबी की बीमारी के 1108 मामले सामने आए हैं.

साल 2020 के आंकड़े कोविड-19 की वजह से अभी अपडेट नहीं हुए हैं. जिला स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 138 लोगों के चालान किए गए. जिसके तहत 50 से लेकर 500 रुपये तक का जुर्माना वसूला गया. वहीं 1 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक जिले में 15 चालान किए गए हैं. जिन से 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूला है.

धूम्रपान को लेकर कैथल के सीएमओ डॉक्टर जय भगवान ने बताया कि धूम्रपान की वजह से 1 साल में भारत में करीब दस लाख लोगों की मौत होती है. भारत में एक तिहाई लोग धूम्रपान करते हैं. देश में 40% पुरुष की मौत धूम्रपान की वजह से होती है, जबकि महिलाओं की मौत का आंकड़ा 20% है. 35 से लेकर 50 साल की उम्र के लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

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कैथल में 15 सौ से लेकर दस हजार रुपये तक के हुक्के बनाए जाते हैं. तंबाकू और हुक्के की कैथल शहर में ही 30 से ज्यादा दुकानें हैं. जिले में औसतन रोजाना एक से पांच हुक्के बिक जाते हैं. वहीं तंबाकू की लागत की बात करें तो महीने में एक डेढ़ क्विंटल तंबाकू दुकानदार का बिक जाता है. इसकी कीमत 80 से लेकर 120 रुपये तक की होती है. जिसको किलो के हिसाब से बेचा जाता है. हैरानी की बात ये है कि लॉकडाउन के दौरान भी ये व्यापार अच्छा-खासा चला.

हुक्के को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतिया भी हैं. माना जाता है कि हुक्का स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता. इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है कि ये फायदेमंद है या हानिकारक, इतना जरूर है कि धूम्रपान आपको मुसीबत में डाल सकता है.

Last Updated : Aug 28, 2020, 2:13 PM IST

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