कैथल: पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूलों द्वारा 134A नियम के तहत दाखिल हुए बच्चों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा जबरन वसूली को लेकर एक याचिका दायर की गई (Case File Against private Schools in Kaithal) है. यह याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल की गई है. इस केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी. पैरेस्ट एसोसिएशन का आरोप है कि 134A के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिल हुए बच्चों से जबरन वसूली की जा रही है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और अन्य फंड्स के नाम पर ये वसूली की जा रही है. पैरंट एसोसिएशन का कहना है कि पैसे लेने के बाद रसीद देने की बजाय सफेद पेपर पर स्टैंप लगाकर दी जाती है.
बता दें कि 134A के तहत सरकार द्वारा गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने के लिए विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में भेजा जाता है. इसका खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है लेकिन प्राइवेट स्कूल अपनी जेब भरने के लिए उन बच्चों से भी अनाप-शनाप फंड वसूल करते हैं. इसको लेकर लगातार शिकायतें आने के बाद कैथल की पेरेंट्स एसोसिएशन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि नियमानुसार 134A के तहत पढ़ रहे बच्चों से स्कूल ट्रांसपोर्ट को छोड़कर किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क नहीं ले सकते. उन्होंने यह भी बताया कि इस संदर्भ में उनके पास पहले कोई शिकायत नहीं आई है. अब मामला संज्ञान में आया हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
धारा 134A नियम क्या है?
134A नियम कहता है कि कोई भी गरीब परिवार का विद्यार्थी किसी भी निजी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ सकता है. हरियाणा में 134A नियम के मुताबिक हर निजी स्कूल में 10 फीसदी सीटें बीपीएल, ईडब्ल्यूएस व गरीब छात्रों के लिए आरक्षित है. आसान भाषा में कहा जाए तो गरीब परिवार का बच्चा प्राइवेट स्कूल में फ्री में दाखिला लेकर फ्री में पढ़ाई कर सकता है. 134A रूल के तहत दाखिला लेने के लिए आपके पास तहसीलदार के द्वारा जारी किया हुआ 2 लाख से कम वार्षिक आय का प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
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