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कैथलः लंबित पड़ी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी आशा वर्कर्स - अनिश्चितकालीन धरना आशा वर्कर्स कैथल

आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान सुषमा का कहना है कि सरकार ने 21 जुलाई 2018 को हमारी कुछ मांगे मानी थी. सुषमा ने बताया कि सरकार ने मांगे मान तो ली लेकिन उनको लागू करना सरकार भूल गई और अब लागू नहीं करना चाहती.

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कैथलः लंबित पड़ी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी आशा वर्कर्स

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Published : Mar 14, 2020, 4:15 AM IST

Updated : Mar 14, 2020, 9:44 AM IST

कैथलःअपनी मांगों को लेकर नाराज आशा वर्कर्स कैथल में सरकारी अस्पताल के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं. शुक्रवार को धरने के दूसरे दिन आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अनदेखी के आरोप लगाए. हालांकि उसके बावजूद प्रशासन और सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनके पास बात करने के लिए अभी तक नहीं पहुंचा है.

लंबित पड़ी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी आशा वर्कर्स, देखें वीडियो

आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान सुषमा का कहना है कि सरकार ने 21 जुलाई 2018 को हमारी कुछ मांगे मानी थी. सुषमा ने बताया कि सरकार ने मांगे मान तो ली लेकिन उनको लागू करना सरकार भूल गई और अब लागू नहीं करना चाहती. उन्होंने बताया कि हमने कई बार नोडल अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन अधिकारी है कि कई बार मीटिंग का समय लेने के बाद भी हमसे नहीं मिल रहे.

सरकार की बेरुखी से नाराज आशा वर्कर्स!

प्रदर्शन पर बैठ वर्कर्स का कहना है कि सरकार की इस अनदेखी से नाराज होकर कैथल जिले की सभी आशा वर्कर धरने पर बैठी हैं और ये धरना तब तक है जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती. उनका कहना है कि पूरे जिले में अनिश्चितकालीन धरने की कॉल दे रखी है और सभी आशा वर्कर अपनी ड्यूटी पर ना जाकर धरने पर मौजूद है.

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आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें कुछ इस प्रकार हैः

  • एक्टिविटी के काटे गए 50% पैसे सरकार लागू करें
  • सभी आशा वर्कर्स का परिवार समेत हेल्थ कार्ड बनाया जाए. ताकि बीमार होने पर फ्री में इलाज कराया जा सके.
  • केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान हर महीने 10 तारीख तक एक साथ हो.
  • 21 जुलाई 2018 के पत्र को पूर्ण रूप से लागू किया जाए
  • सभी सेंटरों पर आशा को अलमारी और बैठने के लिए कुर्सी दी जाए.
  • आशा फैसिलिटेटर और आशा कोऑर्डिनेटर के खाली पड़े पदों को भर्ती किया जाए
  • आशा वर्क फैसिलिटेटर को विजिट करने का किराया भत्ता दिया जाए
  • आशा वर्कर को गर्भवती महिलाओं या किसी पेशेंट के साथ पीएचसी-सीएचसी जाने का किराया भत्ता दिया जाए.
  • हरियाणा सरकार द्वारा एएमसी विजिट पर बढ़ाए गए 100 रुपये को तीन भागों में ना बांटा जाए.
  • आशा वर्करों को सभी पांच कार्यों के रजिस्टर अलग-अलग छपवा कर दिया जाए.

आशा वर्कर्स की चेतावनी

जिला सह सचिव आशा वर्कर यूनियन मेनका ने कहा कि उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनकी सारी मांगे मानें ताकि आशा वर्कर अच्छे से काम कर सकें. हमारा ये आंदोलन अपने अधिकारों के लिए है. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो चाहे उसके लिए 1 साल हो जाए या 1 महीना हो जाए तब तक हम ऐसे ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे.

Last Updated : Mar 14, 2020, 9:44 AM IST

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