कैथल:आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की महिलाएं लंबे वक्त से हड़ताल पर बैठी हैं. ये आंगनवाड़ी वर्कर्स अपने सेंटरों पर ताला जड़ कर लघु सचिवालय में धरना दे रही हैं. बुधवार को इन वर्कर्स ने रोष मार्च निकालते हुए कैथल के विधायक लीलाराम के घर का घेराव किया. इस दौरान पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारी आंगवाड़ी वर्करों को रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और आंगनवाड़ी वर्कर्स के बीच धक्का मुक्की भी देखने को मिली.
आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर की महिलाओं की जिद्द को देखते हुए पुलिस को मजबूरन बैरिकेड हटाने पड़े. जिसके बाद आंगनवाड़ी वर्करों ने विधायक के घर का घेराव किया और उसके बाद अपना ज्ञापन विधायक के कार्यालय में सौंपा. आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर की नेताओं का कहना है कि उनका आंदोलन लंबे वक्त से लगातार चल रहा है. सरकार ने बात करने की बजाय उनके नेताओं को टर्मिनेट कर दिया है. सरकार को चाहिए कि बातचीत का रास्ता अपनाएं वरना आंगनवाड़ी वर्कर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगी.
क्या हैं आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांग: आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग. जब तक सरकारी कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये लागू करने की मांग. साल 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किस्तें मानदेय में जोड़कर दी जाएं. महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए. इसके साथ ही हेल्पर के पदनाम को बदला जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स का ये भी कहना है कि विभाग की ओर से फोन या दूसरे संसाधन देकर वर्कर्स पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए. इस बारे में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स और हेल्पर्स की 1500 और 750 रुपये की बढ़ोत्तरी को ऐरियर समेत दिया जाए.