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समय पर इलाज नहीं मिलने से नवजात शिशु की मौत, अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप - Kalayat government hospital doctor negligence

कैथल के कलायत सरकारी अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को समय पर इलाज नहीं मिलने की घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवालिया निशान लगा ​दिया है. परिजनों का आरोप है कि समय पर इलाज नहीं मिलने से ही नवजात की मौत हुई है.

Allegations of negligence on the doctor of Kalayat Hospital in Kaithal
समय पर इलाज नहीं मिलने से नवजात शिशु की मौत, कलायत सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

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Published : Nov 19, 2022, 10:54 PM IST

कैथल: जिले के कलायत सरकारी अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को समय पर इलाज नहीं मिला. जिसके चलते जच्चा- बच्चा दोनों की जान पर बन आई. परेशान परिजन किसी तरह गर्भवती महिला को लेकर कैथल अस्पताल पहुंचे. जहां महिला की जान बच गई लेकिन नवजात बच्ची को बचाया नहीं जा सका. परिजनों ने कलायत अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में प्रर्याप्त सुविधाएं होने के बावजूद महिला को गंभीर हालत में रैफर कर दिया गया, जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई.

कलायत निवासी बारू अपनी गर्भवती पत्नी को स्थानीय अस्पताल (Kalayat Government Hospital) लेकर गए थे. महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद अस्पताल के स्टाफ ने उसका प्रसव कराने की बजाय उसे कैथल के सरकारी अस्प्ताल के लिए रैफर कर दिया. बारू का आरोप है कि अस्पताल में सभी सुविधाएं होने के बावजूद पत्नी का प्रसव नहीं कराया. परिजनों ने जब डॉक्टर पर दबाव बनाया तो उन्होंने परिजनों के साथ अभ्रद व्यवहार भी किया. परेशान बारू ने एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन दो घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई. इस दौरान गर्भवती महिला अस्पताल परिसर में तड़पती रही लेकिन अस्पताल स्टाफ का दिल नहीं पसीजा. आखिरकार बारू निजी वाहन से अपनी पत्नी को कैथल के सरकारी अस्पताल ले गया.

समय पर इलाज नहीं मिलने से नवजात शिशु की मौत, कलायत सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

गर्भवती महिला की ननद सुमन ने बताया कि जब महिला कैथल पहुंची उस समय उसे बहुत ज्यादा प्रसव पीड़ा हो रही थी. महिला की हालत भी गंभीर थी. अस्पताल के डॉक्टर ने 5 मिनट में ही उसका प्रसव करा दिया. इससे महिला की जान तो बच गई लेकिन नवजात बच्ची की मौत हो चुकी थी. परिजनों ने कलायत के सरकारी अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है. परिजनों ने सरकार से लापरवाह चिकित्साकर्मियों को पद से हटाने की मांग की है, जिससे भविष्य में किसी और व्यक्ति के साथ ऐसी दर्दनाक घटना ना हो.

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वहीं कैथल के सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला का प्रसव करवाने वाली डॉक्टर दीपिका का कहना है कि जब उसे अस्पताल लाया गया था, उस समय वह 26 माह की गर्भवती थी. पीड़िता की आधा प्रसव हो चुका था. डॉक्टर का मानना है कि कलायत अस्पताल में भी प्रसव कराया जा सकता था. हालांकि किसी कारणवश ही उसे रेफर किया गया होगा.

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