जींद: जिले में दो बेटियों ने आज हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ की उपस्थिति में जैन मुनि व साध्वी से जैन साध्वी बनने की दीक्षा ग्रहण की. इन दोनों बच्चियों ने सांसारिक मोह माया छोड़ कर वैराग्य जीवन अपना लिया है. इस अवसर पर जैन साध्वी सम्मेलन और दीक्षा कार्यक्रम जैन स्कूल के नजदीक मैदान में आयोजित किया गया.
जैन साध्वी बनी जींद की दो बेटियां
साध्वी बनने वाली पहली बच्ची हिना जींद के सफीदों की रहने वाली है हिना बीएससी की छात्रा है. 12वीं कक्षा में मेडिकल स्ट्रीम से हिना ने 92% अंक प्राप्त किए थे. तीन बहनों और एक भाई को छोड़कर आज हिना जैन साध्वी बन गई है. हिना कहती है कि पापा बाइक पर उसका रोल नंबर लेने के लिए जा रहे थे, तभी सामने से ट्रक आया और पापा को कुचल दिया था. इस दुर्घटना में मेरे पापा की मौत हो गई थी. इसके बाद मेरा संसार से उठ गया था.
जींद की दो बेटियां दीक्षा ग्रहण कर बनी जैन साध्वी, देखें वीडियो सांसारिक मोह माया का किया त्याग
वही दूसरी बच्ची स्नेहा जींद के उचाना की रहने वाली है, जो बीकॉम की पढ़ाई बीच में छोड़कर जैन साध्वी बन गई. स्नेहा ने दसवीं कक्षा में 96% अंक प्राप्त किए थे. स्नेहा का कहना है कि मुझे संसार में कोई सुख नजर नहीं आया इसलिए इस पद पर मैंने कदम बढ़ाए हैं. वही दीक्षा के दौरान इन बच्चियों के परिजनों का भी कहना है कि संसार दुखों का घर है और हमारे बच्चे अच्छे मार्ग पर जा रहे हैं इसलिए हमें इसकी खुशी है.
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साध्वी बनने से पहले इन दोनों बच्चियों ने 2 साल तक अपने ही घर में शादियों की तरह रहकर घरवालों की को यह परीक्षा दी कि वह साध्वी बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है अपने ही घर में सभी सुखों को त त्याग कर उन्होंने 2 साल तक साध्वी की तरह समय व्यतीत किया.