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अनलॉक के बाद बढ़ा ट्रैफिक, जर्जर सड़कों से हवा में घुल रहा जहर, AQI पहुंचा 290 के पार - जींद एक्यूआई 290 पार

लॉकडाउन के दौरान दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर में काफी सुधार देखा गया. लेकिन जितनी तेजी से हम अनलॉक 5 तक पहुंचे हैं, उतनी ही तेजी से शहरों के बढ़ते प्रदूषण स्तर ने सबकी चिंता बढ़ा दी है.

pollution rate increased in jind haryana during unlock 5
अनलॉक के साथ जींद की हवा में फिर घुला जहर, AQI पहुंचा 290 के पार

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Published : Oct 20, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 12:34 PM IST

जींदःदिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो चुकी है. हरियाणा के जींद जिले का हाल तो बेहाल हो गया है. जींद का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 290 तक पहुंच गया है. वहीं अगर शहर के अन्य इलाकों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी गंभीर है. खस्ताहाल सड़कें और सड़कों पर दिनभर उड़ती धूल के कारण आस-पास के दुकानदार ही नहीं आम लोग भी काफी परेशान हैं.

अनलॉक के साथ जींद की हवा में फिर घुला जहर, AQI पहुंचा 290 के पार

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा ना तो यहां कोई पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है और ना ही सड़क बनवाई जा रही है. स्थानीय निवासी मनीष सिंगला बताते हैं कि

सड़क का निर्माण कार्य नहीं होने के चलते यहां भारी मात्रा में धूल उड़ती रहती है. हालात ये हैं कि यहां पर रहने वाले लोगों में आए दिन बीमारियां बढ़ रही हैं. यही नहीं लोगों की दुकानें भी खाली पड़ी रहती है. प्रदूषण के कारण लोग खरीददारी के लिए यहां कोई नहीं आता. मनीष सिंगला बताते हैं कि बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन उसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.

जींद शहर, दिल्ली के कई मुख्य इलाकों से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुका है. जींद का पीएम यानी हवा में धूल के कण का स्तर भी इस सप्ताह 220 तक पहुंच गया था, जो 17 अक्टूबर को 191 मापा गया. शहर में लगातार बढ़ता प्रदूषण का स्तर लोगों की गंभीर बीमारियों का सबब बना हुआ है. जनरल फिजिशियन डॉ डीपी जैन बताते हैं कि

जब मिट्टी और धूल के कण हमारे शरीर के अंदर जाते हैं तो इससे सांस संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है. अस्थमा के मरीजों के लिए ये प्रदूषण और भी घातक साबित हो रहा है. डॉक्टर कहते हैं कि अगर अस्थमा मरीज ज्यादा प्रदूषण की चपेट में आता है तो दम घुटने से उसकी मौत भी हो सकती है.

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अक्टूबर में जींद शहर का प्रदूषण स्तर

तारीख एक्यूआई (AQI)
11 अक्टूबर 235
12 अक्टूबर 250
13 अक्टूबर 274
14 अक्टूबर 290
15 अक्टूबर 290
16 अक्टूबर 235
17 अक्टूबर 241
18 अक्टूबर 260
19 अक्टूबर 250
20 अक्टूबर 272

रोहतक रोड़ पर ठेकेदारों की लापरवाही की मार आम जनता भुगत रही है. आलम ये है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. जींद वासियों की परेशानी और सड़कों पर उड़ती इस धूल को लेकर ईटीवी भारत ने जींद उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया से भी बातचीत की है. डॉ. आदित्य दहिया बताते हैं कि

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी है. साथ ही ठेकेदार को सड़क निर्माण के लिए एक महीने का समय दिया गया है, ताकि वहां उड़ती धूल मिट्टी से लोगों को निजात मिल सके.

लॉकडाउन के दौरान शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 20 तक पहुंच गया था. हवा में प्रदूषण की मात्रा न के बराबर थी. अब जैसे-जैसे अनलॉक के चरण बढ़ते गए वैसे-वैसे AQI भी बढ़ता गया. जैसे जून तक शहर का AQI 70 के आसपास रहा.

AQI के मानक

वहीं जुलाई में प्रदूषण का स्तर 80 से 90 के बीच रहा. अगस्त महीने में भी प्रदूषण स्तर 100 से नीचे ही रहा, जो सेहत के लिए किसी भी तरह से नुक्सानदायक नहीं है. सितंबर महीने के अंत में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान यानी 200 की तरफ बढ़ने लगा. लेकिन अक्टूबर महीने में धान की कटाई के बाद प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक चला गया.

Last Updated : Feb 26, 2021, 12:34 PM IST

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