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जींद: दुकानदारों ने ठाना नहीं बेचेंगे चाइनीज सामान, चाहे फायदा हो या नुकसान - जींद बहिष्कार चीनी उत्पाद

जींद के व्यापारियों में भारत चीन विवाद को लेकर रोष बढ़ गया है. व्यापारियों ने चीनी सामान नहीं बेचने की शपथ ली है, बेशक उन्हें नुकसान हो.

jind shopkeepers said We will not sell Chinese goods no matter there is profit or loss
दुकानादारों ने ठाना नहीं बेचेंगे चाइनीज सामान

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Published : Jun 20, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 8:54 PM IST

जींद:गलवान घाटी को लेकर भारत चीन विवाद और देश के 20 सपूतों की शहादत के बाद भारत में चीन के खिलाफ गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. पूरे देश में लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की चर्चा शुरू कर दी है. इस कड़ी में कारोबारी भी चीनी उत्पादों को नहीं बेचने की शपथ लेने लगे हैं.

हरियाणा में आम से लेकर खास तक चीनी सामान का बहिष्कार करने की बात कर रहा है. ग्राहक से लेकर दुकानदार तक चीन का बहिष्कार करने की बात कर रहा है. खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का कारोबार करने वाले कारोबारी इन दिनों मेड इंडिया उत्पादों को अधिक प्रमोट कर रहे हैं.

दुकानादारों ने ठाना नहीं बेचेंगे चाइनीज सामान, देखिए वीडियो

ग्राहक भी कर रहे हैं मेड इन चाइना का बायकॉट

दिल्ली के सदर बाजार से पूरे हरियाणा और आसपास के क्षेत्र में चाइनीज माल की सप्लाई होती है. लंबे समय से बाजार बंद है, जिस वजह से बाजार में चाइनीज सामान पहले ही बहुत कम दिखाई दे रहा है. वहीं अब जो कसर बची थी, वो चाइना की तरफ से बॉर्डर पर तनाव के बाद लोगों ने भी चाइनीज सामान से किनारा करना शुरू कर दिया है. जिसका असर बाजार पर भी दिखने लगा है.

कोरोना वायरस के चलते चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार का दौर होली पर भी शुरू हो गया था. सीजन में लोगों ने चीन में बने रंग और पिचकारियां नहीं खरीदी थीं. जिसके चलते दुकानदारों ने भी इनकी बिक्री से तौबा कर दी. इस बारे में खरीददारी करने आए संदीप ने बताया कि घर के लिए अब कोई भी मेड इन चाइना सामान नहीं खरीद रहे हैं. उनका कहना है कि वो दूसरे साथियों को भी कहेंगे कि चाइनीज समान नहीं खरीदेंगे.

वहीं जींद में व्यापार मंडल की कई ट्रेड यूनियनों ने यह फैसला लिया है कि अब बाजार में कोई भी चाइनीज सामान नहीं बेचेगा दुकानों और खरीदारों की जागरुकता के लिए व्यापार मंडल शहर में कैंडल मार्च भी निकालेगा.

नुकसान की फिक्र नहीं, देश पहले है- व्यापारी नेता

चाइनीज समान नहीं बेचने से उन्हें होने वाले नुकसान को लेकर व्यापारी नेता ने कहा कि नुकसान होता है तो होता रहे. पहले भी नुकसान होते रहे हैं अब लॉकडाउन में भी हुआ है, लेकिन हमारे लिए देश सबसे पहले है देश के लिए जो कुछ हो सकेगा हम करेंगे , जो लोग मार्किट में बेच रहे है उसने निवेदन करेंगे कि चीनी सामान ना बेचे उसकी जगह स्वदेशी का प्रयोग करें.

'चीनी सामान का विकल्प है, मगर मंहगा है'

ऐसा नहीं है कि बाजार में चाइनीज सामान नहीं बिकेगा, तो भारत के पास विकल्प नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि दुकानों में अभी भी चीनी सामान का मेड इन इंडिया है. जो चीनी सामान से बेहतक क्वालिटी में है.

इलेक्ट्रॉनिक सामान में पिछड़ा है भारत

फिलहाल लोग इन भारतीय उत्पादों को खरीद भी रहे हैं, लेकिन जो इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उत्पादों में भारत पिछड़ रहा है. मोबाइल बाजार और मोबाइल पार्ट्स भी चाइना से आते हैं. इनकी सप्लाई अगर बंद होगी है तो भारत में खरीदे गए करोड़ों फोन की रिपेयरिंग और एक्सेसरीज को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

'भारतीय उत्पाद बेचने में कम होता है मार्जिन'

कुछ दुकानदार ये मानते हैं कि चाइनीज सामान में दुकानदारों को बहुत अधिक मार्जिन बचता है. जिस वजह से वो चायनीज सामान बेचते हैं. ज्यादातर भारतीय इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे स्पीकर, म्यूजिक प्लेयर, स्मार्ट टीवी, बैटरी, टॉर्च की खरीद मुल्य ही चायनीज सामान के एमआरपी के बराबर है. ऐसे में मध्यम वर्गीय लोग चाइनीज सामान खरीदना भलाई समझते हैं.

क्या हुआ था गलवान घाटी में?

बता दें, पूर्वी लद्दाख में 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए हैं.

पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. समाचार एजेंसी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं.

क्या है गलवान घाटी विवाद?

भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई हफ्तों से तनाव की स्थिति है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे थे. अक्साई चीन में स्थित गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी. भारत का कहना है कि गलवान घाटी के किनारे चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए हैं. इसके बाद भारत ने भी वहाँ फौज की तैनाती बढ़ी दी है. वहीं, चीन का कहना है कि गलवान घाटी पर हमेशा से चीन की ही सम्प्रभुता रही है.

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Last Updated : Jun 20, 2020, 8:54 PM IST

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