जींद:हरियाणा सरकार का राइट टू रिकॉल विधेयक इस बार विधानसभा के मॉनसून सत्र में पेश नहीं हो सका. सरकार का प्रयास था कि राइट टू रिकॉल की व्यवस्था पंचायत राज में जल्द से जल्द लागू हो. एक तरफ जहां विधेयक को विपक्षी पार्टियों का विरोध झेलना पड़ रहा है. वहीं अब इसके खिलाफ सरपंच भी उतर आए हैं.
राइट टू रिकॉल एक्ट लाए जाने के विरोध में प्रदेश की सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जींद में प्रदर्शन किया. एसोसिएशन की ओर से प्रदर्शन कर लघु सचिवालय के सामने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका गया. बाद में मांगों का ज्ञापन देने के लिए सरपंच लघु सचिवालय पहुंचे, लेकिन वहां पर कोई भी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा. इससे खफा सरपंचों ने रोड जाम करने की चेतावनी दी तो डीसी खुद रेस्ट हाउस पहुंचे और सरपंचों से ज्ञापन लिया.
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के इस फेरबदल के पक्ष में वो नहीं हैं. अगर राइट टू रिकॉल एक्ट इतना ही अच्छा कानून है तो इसे पहले विधानसभा और लोकसभा में लाया जाए. उसके बाद बेशक इसे पंचायतों पर लागू कर दिया जाए, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. इस एक्ट के लागू होने पर गांवों का भाईचारा तो खराब होगा ही, साथ ही गांवों में विकास कार्य भी गति नहीं पकड़ पाएंगे.