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राकेश टिकैत ने बोला और किसानों ने माना, गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर किया बर्बाद

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Published : Feb 21, 2021, 8:11 PM IST

18 फरवरी को हिसार में राकेश टिकैत ने बयान दिया कि किसान आंदोलन से वापस नहीं जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो अपनी फसल में आग लगा देगा. अब उनके इस बयान का असर हरियाणा के जींद जिले में देखने को मिल रहा है. कुलगनी और राजपुरा के कई किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया.

farmers destroyed wheat crops in jind after rakesh tikait appeal
farmers destroyed wheat crops in jind after rakesh tikait appeal

जींद:राकेश टिकैत किसान महापंचायतों में आक्रामक रुख अपनाते नजर आ रहे हैं. उनके हर बयान को गंभीरता से सुना और देखा जा रहा है, खासतौर से हरियाणा में हो रही उनकी महापंचायतों का व्यापक असर देखने को मिल रहा. हिसार की महापंचायत में तो राकेश टिकैत के तल्ख तेवर नजर आए. टिकैत ने कहा यहां तक कह दिया कि सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान फसल कटाई के लिए वापस गांव जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो किसान खड़ी फसल में आग लगा देगा.

राकेश टिकैत ने बोला और किसानों ने माना, गेहूं की खड़ी फसल को कर दिया बर्बाद

राकेश टिकैत के इस बयान का असर हरियाणा में दिखने लगा है. 21 फरवरी को जींद के कुलगनी और राजपुरा गांव में किसानों ने अपनी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. जो किसान अपनी फसल को सहेज कर रखता है उसी किसान ने अपनी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर से रौंद दिया. ये सब कुछ कृषि कानूनों के विरोध में हुआ.

'आग नहीं लगाएंगे, फसल पर ट्रैक्टर चला देंगे'

किसान राम मेहर ने कहा कि उन्होंने राकेश टिकैत के बयान के बाद अपनी फसलों को नष्ट किया है. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने फसलों को जलाने के लिए कहा, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि आग लगाएंगे तो सरकार हमारे चालान करेगी और प्रदूषण फैलेगा. इसलिए हम किसानों ने फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया.

किसान फसल पर चला रहे ट्रैक्टर.

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18 फरवरी को हिसार में राकेश टिकैत ने बयान दिया और 3 दिन में ही उनके बयान का असर देखने को मिला. ऐसे में इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा के किसानों में राकेश टिकैत ने अच्छी खासी पैठ बना ली है. उनकी एक अपील के कारण कई किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया.

'सरकार मांगों को मान ले, नहीं तो ऐसा ही होगा'

महिला किसान शीला ने कहा कि हम फसलों को ऐसे ही नष्ट करेंगे. हम लोगों ने अपने लिए फसल को रख लिया है और जो फसल बेचनी थी वो हमने नष्ट कर दी है. महिला किसान का कहना है कि वो करीब 3 महीनों से कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है. महिला किसान ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

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