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जींद: लॉकडाउन से साड़ी मार्केट को 5 करोड़ का नुकसान, कोरोना के डर से नहीं आ रहे ग्राहक

लॉकडाउन की वजह से साड़ियों की बिक्री 25 फीसदी से भी कम हो गई है. जो ग्राहक दूसरे जिलों से यहां साड़ी खरीदने आते थे. वो आने बंद हो गए हैं. लॉकडाउन के चलते जींद के साड़ी बाजार को 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

economic crisis on Saree Market
economic crisis on Saree Market

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Published : Jun 17, 2020, 10:46 AM IST

जींद: लॉकडाउन की वजह से जिले के प्रसिद्ध साड़ी बाजार को 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हमेशा ग्राहकों से गुलजार रहने वाला साड़ी बाजार अब सुनसान पड़ा है. सूबे में जींद की साड़ी से मशहूर इस बाजार में अब बिक्री ना के बराबर रह गई है. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान दुकान संचालकों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनको खासा नुकसान हुआ है.

लॉकडाउन की वजह से साड़ियों की बिक्री 25 फीसदी से भी कम हो गई है. जो ग्राहक दूसरे जिलों से यहां साड़ी खरीदने आते थे. वो आने बंद हो गए हैं. जींद के साड़ी बाजार की बात की जाए तो यहां 50 से भी ज्यादा साड़ियों की बड़ी दुकानें हैं. जहां आसपास के जिलों से लोग साड़ी खरीदने के लिए पहुंचते हैं.

लॉकडाउन से साड़ी मार्केट को 5 करोड़ का नुकसान, देखें वीडियो

शादी के सीजन में यहां की मार्केट में लगभग 7 करोड़ रुपये का टर्नओवर होता था. जो अब दो से तीन करोड़ पर आ गया है. यानी इस बार पूरे साड़ी बाजार को करीब 5 करोड़ का नुकसान हुआ है. अब शादियों को लेकर नए नियम बन गए हैं. अब शादी में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते. जिसकी वजह से सड़ियों की खरीद पर असर पड़ा है.

साड़ी एसोसिएसन के प्रधान सावर गर्ग ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन में भले ही छूट मिल गई हो, लेकिन साड़ियों की ब्रिकी पूरी तरह से ठप है. उन्होंने बताया कि हम सीधे सूरत मील से माल लेकर आते हैं और शादियों को सीजन देखते हुए लाखों रुपये का माल हर दुकानदार लेकर आया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सारा माल धरा का धरा रह गया.

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साड़ी विक्रेता पवन का कहना है कि इस महामारी में लोगों के हालात ये हो गए हैं कि वो वही चीज खरीद पाते हैं जो जरूरी है. साड़ी और कपड़े का नम्बर सबसे लास्ट में आता है. ऐसे में साड़ियों का काम बुरी तरह से औंधे मुंह गिरा है. साड़ी व्यापारियों ने सरकार से मदद की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार को जीएसटी, इंकम टैक्स, बिजली बिल और लिमिट के ब्याज में छूट दी जाए. ताकि साड़ी विक्रेताओं को कुछ राहत मिल सके.

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