जींद: हरियाणा की राजनीतिक राजधानी में इनेलो ने आज पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीवलाल की 108वीं जयंती (Devi Lal 108th birth anniversary) मनाई. इनेलो की इस रैली में मंच पर तमाम राष्ट्रीय स्तर के नेता मौजूद रहे. हैरान करने वाली खबर तब सामने आई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह इनेलो की इस रैली (Birender Singh attended INLD rally) में आए.
मंच से संबोधित करते हुए चौधरी बीरेंद्र ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला देश बड़े नेता हैं, वो चौटाला लिखे ना लिखे, लेकिन देश में उनको ओमप्रकाश के नाम से याद रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि संघर्ष एक दिन में पैदा नहीं होता, संघर्ष के लिए सदियां लग जाती हैं. जब मैं साल 1978 में पहली बार विधायक बनकर आया था. तो हरियाणा विधानसभा घेराव करने के लिए अकाली नेता बादल साहब लाठियां झलेकर आगे बढ़ रहे थे. ये होता है संघर्ष.
उन्होंने कहा कि आज तो लोग सरपंच, विधायक या मंत्री बनने के लिए अमर्यादित राजनीति करते हैं, लेकिन कोई पद कुर्बान नहीं करता. सरपंच तक अपनी सीट नहीं छोड़ता. लेकिन चौधरी देवीलाल इतने महान थे कि उन्होंने प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था.
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उन्होंने मंच से कहा कि अगर किसी ने हमारे हरियाणा को बांटने की कोशिश की, तो उसको खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मैं देवीलालको श्रद्धांजलि देता हूं. आगे अगर मुझे कभी बुलाओगे तो जरूर आऊंगा, नहीं बुलाया तो नहीं आऊंगा. इशारों ही इशारों में चौधरी बीरेंद्र ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जाति-पाती के नाम पर लड़वाए उनको मुंह तोड़ जवाब देना है. बोले आने वाले समय मे नया प्रजातंत्र देखने को मिलेगा.
बता दें कि चौधरी बीरेंद्र के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं. उनकी पत्नी प्रेमलता भी उचाना कलां सीट से बीजेपी की विधायक रही हैं. ऐसे में कई सवालों के साथ कयासों के बाजार फिर से गर्म हो गए हैं. क्या बीरेंद्र सिंह तीसरे मोर्चे में शामिल होंगे. क्या बीरेंद्र सिंह बीजेपी को अलविदा कह देंगे. बता दें कि बीरेंद्र सिंह बीजेपी में होते हुए कई बार पार्टी लाइन के खिलाफत करते नजर आए है. उन्होंने रोहतक में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि छोटूराम विचार मंच किसान आंदोलन के समर्थन में भूख हड़ताल में यात्राएं करेगा.
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साथ ही उन्होंने मांग की कि जीएसटी की तरह ही तीन किसी कानूनों में भी संशोधन होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि जब GST में 120 बार संशोधन हो सकता है तो कृषि कानूनों में क्यों नहीं. इसके अलावा उन्होंने एक बार फैसला किया था कि छोटूराम विचार मंच के बैनर तले किसानों की मांगों के समर्थन में वो सांपला स्थित छोटूराम संग्रहालय में धरने पर बैठेंगे. इसमें छोटूराम की विचारधारा को मानने वाले 140 लोग शामिल होंगे.