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जींदः थप्पड़ मारने के आरोप में डॉक्टर हु्आ था सस्पेंड, सीसीटीवी से आया नया मोड़

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Published : Jan 14, 2020, 5:52 PM IST

जांच कमेटी के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज से साफ हुआ कि जिस समय बच्चे का पिता छज्जुराम डॉक्टर की वीडियो बना रहा था उस समय डॉक्टर ने उसको थप्पड़ नहीं मारा, बल्कि वीडियो बनाने से रोकने के लिए मोबाइल को हाथ मारकर उसे रोका था. पूरे मामले की जांच में समिति के सामने मौके का एक चश्मदीद गवाह भी पेश हुआ.

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डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले में आया यू टर्न

जींदःनागरिक अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में एक बच्चे के पिता को डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले ने यूटर्न ले लिया है. अस्पताल में 3 डॉक्टर्स की टीम ने जांच के दौरान आरोपी डॉक्टर रामस्नेह खर्ब और दूसरे स्टाफ के बयान दर्ज किए. इस दौरान जांच कमेटी ने घटना के समय एमरजेंसी वार्ड की सीसीटीवी फुटेज भी देखी. सीसीटीवी देखने के बाद मामला साफ हो पाया है.

जांच कमेटी के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज से साफ हुआ कि जिस समय बच्चे का पिता छज्जुराम डॉक्टर की वीडियो बना रहा था उस समय डॉक्टर ने उसको थप्पड़ नहीं मारा, बल्कि वीडियो बनाने से रोकने के लिए मोबाइल को हाथ मारकर उसे रोका था. पूरे मामले की जांच में समिति के सामने मौके का एक चश्मदीद गवाह भी पेश हुआ. मौके पर मौजूद चश्मदीद रवि कौशिक ने बताया कि हंगामे के समय वो अपनी मां को दिक्कत होने पर अस्पताल में लेकर आया था.

डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले में आया यू टर्न

चश्मदीद के मुताबिक
रवि कौशिक ने बताया कि जब मैं अपनी मां को लेकर अस्पताल पहुंचा तो एक युवक वहां पर हंगामा कर रहा था जबकि डॉक्टर रामस्नेह खर्ब ने शुरू से ही अच्छा व्यवहार किया था. उन्होंने बताया कि बच्चे के साथ आया उसका पिता ही आक्रोशित हो गया लेकिन डॉक्टर ने फिर भी संयम रखा हुआ था. उन्होंने बताया कि इस दौरान मैं भी डॉक्टर से मेरी मां को देखने के लिए दबाव डाल रहा था, लेकिन युवक ने लगातार वीडियो जारी रखी.

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डॉक्टर ने नहीं मारा कोई थप्पड़- चश्मदीद
चश्मदीद के मुताबिक बच्चे के पिता ने जब डॉक्टर पर दबाव डाला तो डॉक्टर ने मोबाइल पर हाथ मार दिया लेकिन डॉक्टर ने किसी को थप्पड़ नहीं मारा. इस मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. कमेटी ने डीजी हेल्थ को भेजी रिपोर्ट में लिखा है कि बच्चे के पिता के साथ वीडियो में डॉक्टर का व्यवहार अच्छा नहीं था. इसके अलावा कमेटी ने रिपोर्ट की है कि बच्चे का मामला होने के कारण फोन करने पर एसएनसीयू के डॉक्टर प्रभात दलाल को भी मरीज देखने आना चाहिए था.

ये है मामला
सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेज दी है. इसके बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा. बता दें कि जींद के अस्पताल से एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक चिकित्सक डॉ. रामस्नेह खर्ब ने एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया. ये पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल आया था. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे के पिता से गलत व्यवहार किया और थप्पड़ मार दिया..

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