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चुनावी बैठक का बहिष्कार कर एडीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे बीएलओ

बीएलओ ने कहा कि चुनावी ड्यूटी का मानदेय भी नहीं दिया गया. अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनावों में मतदान करवाने के दिन उन्होंने जो ड्यूटी दी थी, उसके लिए भी प्रतिपूर्ति अवकाश और मानदेय नहीं दिया गया है.

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Published : Nov 27, 2019, 2:05 PM IST

BLO dharna
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जींदःमई में हुए लोकसभा चुनाव और अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनाव में चुनावी ड्यूटी देने वाले जींद विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ को चुनावी ड्यूटी के लिए प्रतिपूर्ति अवकाश और मानदेय नहीं मिलने के विरोध में मंगलवार को बीएलओ ने चुनाव से जुड़ी बैठक का बहिष्कार कर एडीसी कार्यालय के बाहर धरना दिया. धरने के दौरान बीएलओ ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पूरा मानदेय नहीं देने का आरोप

मंगलवार को चुनाव से जुड़ी बैठक का बहिष्कार कर धरने पर बैठे बीएलओ ने कहा कि बीएलओ का मानदेय 650 रूपए बनता है. लेकिन बीएलओ को 150 रूपए मानदेय का भुगतान किया जाता है. जो की गलत है. इसके अलावा बीएलओ को हाऊसहोल्ड सर्वे और मोबाइल एप के लिए 6 हजार रूपए और वोटर कार्ड के साथ मोबाइल नंबर जोड़ने के लिए 6 हजार रूपए मानदेय देने का प्रावधान है, लेकिन इतना मानदेय नहीं दिया जा रहा.

चुनावी बैठक का बहिष्कार कर एडीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे बीएलओ.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव का मानदेय नहीं मिला

बीएलओ ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी ड्यूटी का मानदेय भी नहीं दिया गया. अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनावों में मतदान करवाने के दिन उन्होंने जो ड्यूटी दी थी, उसके लिए भी प्रतिपूर्ति अवकाश और मानदेय नहीं दिया गया है.

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अधिकारियों पर अपमानित करने का आरोप

रायचंदवाला के बीएलओ रामफल शर्मा ने कहा कि एक तो निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारी बीएलओ को प्रतिपूर्ति अवकाश और मानदेय नहीं दे रहे हैं और दूसरी तरफ बीएलओ अपमानित भी किया जाता है. रात को 10 बजे तक फोन पर बीएलओ से काम लिया जाता है और अधिकारी उनका सम्मान करने की बजाय उन्हें अपमानित करते हैं.
इसमें रामफल शर्मा ने जींद के पूर्व एसडीएम वीरेंद्र सहरावत और नायब तहसीलदार निर्वाचन रविशंकर शर्मा का नाम लेते हुए कहा कि दोनों अधिकारियों के रवैये से बीएलओ में भारी नाराजगी है. 2008 से आज तक बीएलओ को चुनावी काम की किट भी नहीं दी गई.

जब बीएलओ प्रतिपूर्ति अवकाश और मानदेय की मांग करते हैं तो उन्हें निलंबित करवाने से लेकर जेल भेजने तक की धमकी दी जाती है. अपनी मांगों को लेकर बीएलओ ने पिछले दिनों तहसीलदार जींद को ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

काम का समय तय करने की मांग

सभी बीएलओ ने बीएलओ के काम का समय निर्धारित करने और विभागीय अधिकारियों द्वारा बीएलओ के उत्पीड़न पर रोक लगाने और लोकसभा चुनाव में ड्यूटी देने की एवज में प्रतिपूर्ति अवकाश की मांग की.

वहीं बीएलओ ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वह बीएलओ के काम का बहिष्कार जारी रखेंगे.

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