झज्जर: पिछले महीने झुलसी अवस्था में लाई गई एक महिला ने शुक्रवार को निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया. निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने मृतक महिला में कोरोना के संक्रमण होने की पुष्टि की है. जबकि महिला के परिजनों ने डॉक्टरों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार पिछले महीने गांव सौंधी की रहने वाली महिला सुमन खाना बनाते समय आग में झुलस गई थी. उसे उसी दौरान ही गंभीर झुलसी हालत में झज्जर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब 23 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद महिला सुमन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
हैरत की बात तो ये है कि महिला की मौत के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला सुमन में कोरोना की बीमारी के संक्रमण होने की बात कही है. उधर इस मामले में महिला सुमन के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों की रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं.
परिजनों का कहना है कि जब सुमन को कोरोना के लक्षण थे तो उसे इस बीमारी से बचाव के लिए सरकारी मदद क्यों नहीं दी गई और उसे किसी सरकारी अस्पताल में क्यों नहीं रेफर किया गया. हांलाकि उन्होंने इस मामले में कहीं कोई शिकायत तो नहीं दी है, लेकिन उनका कहना है कि वो सुमन की मौत को लेकर असमंजस में हैं कि सुमन की मौत झुलसने से हुई या फिर कोरोना की बीमारी से.
झज्जर में महिला की कोरोना से मौत, परिजनों ने अस्पताल पर उठाए सवाल. बादली थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि सौंधी गांव की महिला सुमन के आग से झुलसने की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना के बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने महिला के बयान करा दिए थे. लेकिन अब अस्पताल द्वारा पुलिस को महिला की कोरोना से मौत होने की सूचना दी गई थी. जिसके बाद ही मौके पर पहुंच कर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
ये भी पढ़ें-रोहतक PGI में तीन मरीजों पर कोरोना वैक्सीन का सफल ट्रायल, स्वास्थ्य मंत्री ने की तारीफ