झज्जर: जिले के प्रारंभ उच्च शिक्षा शिक्षक संस्थान को गुरुग्राम शिफ्ट करने को लेकर तनातनी शुरू हो गई है. संस्थान के कुछ सदस्य अपनी सहूलियत को देखते हुए चाहते हैं कि संस्थान गुरुग्राम शिफ्ट कर दी जाए. वहीं, यहां पढ़ रहे छात्रों के लिए दूसरे जिले में जाना मुश्किल हो सकता है. बता दें कि, यहां पढ़ाई कर रहे 65 प्रतिशत छात्र झज्जर जिले के ही हैं. वहीं इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों ने बुधवार को भी विरोध प्रदर्शन किए.
प्रारंभ संस्थान को गुरुग्राम शिफ्ट करने का विरोध
प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी, बीजेपी के अलावा बार एसोसिएशन के सदस्य व कर्मचारी संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल रहे. इस दौरान आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र नागल ने कहा कि सरकार झज्जर के प्रारंभ स्कूल को झज्जर से गुरुग्राम शिफ्ट करने का प्रयास कर रही है, जिसको लेकर जिले में काफी विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में तमाम दलों व कर्मचारी संगठनों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, साथ ही जिला उपायुक्त को स्कूल शिफ्ट न करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है.
झज्जर के प्रारंभ स्कूल को गुरुग्राम शिफ्ट का विरोध तेज, राजनीतिक दलों ने किया प्रदर्शन. ये भी पढ़ें-फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ना मिले सैनिटाइजर ना हो रही है स्क्रीनिंग, कोरोना का डर खत्म !
वहीं सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े रामचंद्र जांगड़ा ने बताया कि सरकार ने झज्जर जिले के लोगों की शान प्रारम्भ स्कूल को शिफ्ट करने का जो तुगलकी फरमान सुनाया है, इसको लेकर पूरे जिले के लोगों में रोष है. उन्होंने बताया कि स्कूल के जो डारेक्टर हैं वो स्वयं चाहते हैं कि स्कूल को गुरुग्राम शिफ्ट किया जाए, लेकिन झज्जर जिले के लोग किसी भी सूरत में स्कूल को गुरुग्राम शिफ्ट नहीं होने देंगे.
हुड्डा सरकार के कार्यकाल में बनी थी प्रारंभ संस्थान
गौरतलब है कि 2013 में हुड्डा सरकार के समय बड़ी उम्मीद के साथ इस संस्था को झज्जर में विशेषज्ञ अध्यापक तैयार करने के लिए लाया गया था, लेकिन अभी तक संस्था का न तो कोई भवन बन पाया है और न ही अन्य कोई व्यवस्था ठीक ढंग से हो पाई है. वर्तमान में संसाधनों के अभाव के चलते प्रत्येक स्तर पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसका दुष्प्रभाव विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ रहा है. यहीं के कई छात्रों ने मांग उठाई थी कि जब तक नए भवन निर्माण का निर्माण होगा तब तक संस्थान को गुरुग्राम के एससीईआरटी कैंपस में शिफ्ट किया जाए.
टीचर बनने की दी जाती है ट्रेनिंग
बता दें कि, इस स्कूल में टीचर बनने की ट्रेनिंग दी जाती है, छात्र यहां से टीचर बनकर निकलते हैं. अभी भी इस स्कूल में 22 राज्यों से करीब 400 विधायर्थी पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन अब सरकार ने इस सकूल को झज्जर से गुरुग्राम शिफ्ट करने का फैसला किया है, जिसको लेकर बाकायदा एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया है, लेकिन जैसे ही ये फैसला सरकार की तरफ से लिया गया उसी दिन से लगातार विरोध जारी है.
झज्जर से विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के अलावा तमाम पार्टियों के नेता एक होकर स्कूल को शिफ्ट का विरोध कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि सरकार पर इन विरोध प्रदर्शनों का कोई असर पड़ता है या नहीं. जिले में स्कूल रहता है या गुरुग्राम शिफ्ट होता है ये आने वाला समय बताएगा, लेकिन फिलहाल जिले में स्कूल शिफ्ट करने का मामला सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है.
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