झज्जर: पालिका में प्रधान कवीता नंदवानी को हटाने के लिए पिछले काफी लंबे समय से जारी असंतुष्टों की मुहिम सोमवार को कोरम पूरा न होने के चलते औंधे मुंह जा गिरी. प्रधान को हटाने के लिए असंतुष्टों को 13 का संख्या बल चाहिए था, लेकिन असंतुष्टों की लाख कोशिशों के बावजूद वो बहुमत मुताबिक संख्या बल नहीं जुटा पाए और वोटिंग करने के लिए केवल 12 पार्षद ही पालिका पहुंचे. कोरम पूरा न होने के चलते चुनाव अधिकारी शिखा ने बैठक स्थगित कर दी.
जमकर हुई नारेबाजी
फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद असंतुष्टों ने पालिका की बैठक से बाहर आते ही जमकर नारेबाजी की और फ्लोर टेस्ट में पास पालिका प्रधान कविता नंदवानी की जीत को भ्रष्टाचार की जीत बताया. पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, महाबीर गुज्जर, सरजीत गुज्जर ने अलग-अलग दिए गए बयान में कहा कि बेशक वो संख्या बल कम होने के चलते फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए हो, लेकिन प्रधान के खिलाफ उनकी भ्रष्टचार विरोधी मुहिम जारी रहेगी.
13 पार्षदों फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी
बता दें कि 19 पार्षदों वाली झज्जर पालिका में प्रधान कविता नंदवानी के खिलाफ असंतुष्टों ने मोर्चा खोलते हुए पिछले महीने जिला 13 पार्षदों ने अपने शपथ पत्र जिला उपायुक्त को सौंपे थे और प्रधान के खिलाफ फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी.
केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में पहुंचे
असंतुष्टों की मांग पर ही जिला प्रशासन ने सभी पार्षदों को 15 दिनों का नोटिस देते हुए 13 जनवरी का दिन फ्लोर टेस्ट के लिए निर्धारित किया था. लेकिन इससे पहले की असंतुष्ट
अपनी मुहिम में सफल हो पाते उससे पहले ही पालिका प्रधान कविता नंदवानी असंतुष्टों के खेमे से एक पार्षद को अपने पाले में लाने में कामयाब हो गए. यहीं वजह रहीं कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में वोटिंग के लिए पहुंच पाए. लेकिन बैठक के लिए 13 पार्षदों का संख्या बल जरूरी होने के चलते प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह जा गिरा.