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झज्जर में बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए मथुरा से बुलाई टीमें - झज्जर बंदर पकड़ो अभियान

झज्जर में नगर पालिका ने बंदर पकड़ो अभियान चलाया है. इसके लिए नपा ने मथुरा से बंदरों को पकड़ने के लिए टीमें बुलाई है. एक बंदर को पकड़ने का खर्चा 200 रुपये है.

Municipality runs monkey catch campaign in Jhajjar
Municipality runs monkey catch campaign in Jhajjar

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Published : Sep 25, 2020, 7:27 PM IST

झज्जर: जिले में बंदरों को पकड़ने के लिए नगर पालिका ने एक मुहिम चलाई है. दरअसल झज्जर में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. यहां के शहरवासी बंदरों से काफी परेशान हैं. जिसे देखते हुए नगर पालिका ने लोगों को बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की कवायद शुरू कर दी है.

इसके लिए झज्जर नगर पालिका ने बकायदा मथुरा से बंदर पकड़ने वाली टीम को बुलाया गया है, जो कि शहर भर में घरों की छतों पर पिंजरें लगाकर बंदरों को पकड़ रही है. यदि नगर पालिका अधिकारियों और बंदर पकड़ने वाली टीम के आंकड़ों पर विश्वास किया जाए तो अभी तक 80 बंदरों को पकड़ा जा चुका है.

झज्जर में नगर पालिका ने चलाया बंदर पकड़ों अभियान, देखें वीडियो

ये बंदर पकड़ने की प्रक्रिया पिछले तीन दिनों से जारी है. एक बन्दर को पकड़ने का खर्च 200 रुपये है. बता दें कि, शहर में बंदरों का आतंक लंबे समय से चलता आ रहा है. जिसके चलते शहरवासियों ने न्यायालय में याचिका डाली थी कि बंदरों को पकड़वाया जाए, जिसके बाद नगर पालिका ने बंदरों को पकड़ने का ठेका लिया है. नपा सचिव की मानें तो 3 दिन में 80 बंदर पकड़े जा चुके हैं.

पकड़े गए बंदरों को कलेसर के जंगल में छोड़ा जा रहा है. लगातार उनका ये अभियान जारी है. जल्दी शहर से बाकी बंदरों को पकड़कर कलेसर के जंगल में छोड़ दिया जाएगा. बंदरों को पकड़ने के बाद इनकी डॉक्टरी की जाती है उसके बाद ही इसे जंगलों में छोड़ा जाता है. जिसके बाद वाइल्ड लाइफ का सर्टिफिकेट भी लिया जाता है.

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बता दें कि, झज्जर शहर में नपा के सर्वे के मुताबिक करीब 1000 बंदर हैं. झज्जर में 19 वार्ड हैं, हर वार्ड से बंदर पकड़ने का ठेका लिया गया है. एक बंदर को पकड़ने का खर्च 200 रुपये दिया जा रहा है. झज्जर में बंदर का आंतक इस कदर है कि लोगों का न तो सामान सुरक्षित है और नहीं लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर पा रहे हैं. आलम ये है लोग घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं.

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