झज्जर: शेल्टर होम में रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए इस वक्त वीडियो कॉल ही एक मात्र सहारा बचा है. लॉकडाउन की वजह से वो घर नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में वो वीडियो कॉल के जरिए ही अपने परिजनों की का चेहरा देख पा रहे हैं.
झज्जर के शेल्ट होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि काम ठप होने की वजह से वो अपने घरों की ओर निकले थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें शेल्टर होम में रुकवा दिया. वो यहां नहीं रहना चाहते हैं, लेकिन उनके पास यहां रहने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है.
शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिए वीडियो कॉल बना एक मात्र सहारा एक दूसरे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि जब भी वो अपने घर पर वीडियो कॉल करता है तो घर वाले उसे देखकर रोने लगे हैं. वो भी इस महामारी के दौर में अपने घरवालों के साथ रहना चाहता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो घर नहीं जा पा रहा है.
ये भी पढ़िए:हरियाणा में 162 हुई कोरोना मरीजों की संख्या, 106 जमाती शामिल और 18 हुए ठीक
दरअसल, कोरोना के संक्रमण को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में सभी ऑफिस और फैक्ट्रियां बंद हैं. वहीं लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूर भी अपने घरों की ओर निकले थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और शेल्टर होम में डाल दिया. अब प्रवासी मजदूर लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.